TMKOC के जेठालाल का छलका दर्द, 18 महीने बेरोजगारी पर बोले- मन का हो तो अच्छा, ना हो तो और भी अच्छा
TMKOC के जेठालाल यानी दिलीप जोशी को आज कौन नहीं जानता. एक्टर ने अपनी बेहतरीन अदाकारी के दम पर इंडस्ट्री और दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. 25 साल से 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में काम कर रहे दिलीप जोशी इस शो से पहले 18 महीनों तक बेरोजगार थे. इस बुरे वक्त के बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है.

TMKOC: सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के जेठालाल यानी दिलीप जोशी आज किसी पहचान के मौहताज नहीं. 25 साल से इस किरदार को निभाकर दिलीप जोशी ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. हालांकि, उन्होंने अपने करियर के दौरान कई फिल्मों और शोज में काम किया, लेकिन उन्हें असली सफलता ‘जेठालाल’ बनकर ही मिली. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रोल के मिलने से पहले एक्टर डेढ़ साल तक बेरोजगार थे. 24 साल के अनुभव के बावजूद उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था.
दिलीप जोशी के बुरे वक्त की कहानी
दिलीप जोशी ने अपनी इस आपबीती के बारे में एक इंटरव्यू में खुलासा किया. एक्टर ने डॉक्टर प्रीति से उनके यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में अपने बुरे वक्त के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मन हो तो अच्छा, मन का ना हो तो और भी अच्छा. स्ट्रेस से दूर रहने का बेहतरीन तरीका है कि जैसा चल रहा है चलने दो, मेहनत करते रहो. आमतौर पर हम तनाव में रहते हैं क्योंकि हम भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं और जब कुछ हमारी प्लानिंग के मुताबिक नहीं होता है तो हम टेंशन में आ जाते हैं. इसलिए जीवन में मैं यही फॉलो करता हूं- अगर मन का हो तो अच्छा है और मन का न हो तो और भी अच्छा. यह मैंने अमिताभ बच्चन जी से एक इंटरव्यू में कई साल पहले सुना था.’
20-24 साल के अनुभव के बाद भी नहीं मिला काम
दिलीप जोशी ने आगे कहा, ‘अगर मैं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की बात करूं, तो मुझे इससे पहले एक बहुत अच्छा रोल मिला था. उस वक्त मुझे काम की बहुत जरूरत थी क्योंकि मैं डेढ़ साल से खाली बैठा था.इस फील्ड में 20-24 साल के अनुभव के बाद भी मेरे पास कोई काम नहीं था. उसी दौरान मुझे बहुत ही आकर्षक ऑफर मिला, लेकिन किसी कारण से यह काम नहीं आया.’
जेठालाल का लाइफ मंत्रा क्या है?
जेठालाल फिर बोले, ‘मैं सोच रहा था कि यार ऐसे पल पर भी भगवान क्या परीक्षा ले रहा है. लेकिन जल्द ही मुझे TMKOC मिल गया और उस समय मुझे एहसास हुआ कि जब भगवान आपके लिए योजना बनाते हैं तो वह अच्छा होता है. तनाव को दूर करने की यही कुंजी है मन का हो तो अच्छा और मन का न हो तो और भी अच्छा.’