Kangana Ranaut vs BMC Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को लगाई फटकार, कहा अभिनेत्री को नुकसान . . .

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था और अभिनेत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था. अदालत ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया.

By Agency | November 27, 2020 1:49 PM

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था और अभिनेत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था. अदालत ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया. अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है.

न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है. पीठ रनौत द्वारा नौ सितंबर को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने पाली हिल बंगले में बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय ने एक नागरिक के अधिकारों के खिलाफ गलत इरादे से कार्रवाई की है.

रनौत ने बीएमसी से हर्जाने में दो करोड़ रुपये मांगे थे और अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था. मुआवजे के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि अदालत नुकसान का आकलन करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त कर रही है जो याचिकाकर्ता और बीएमसी को विध्वंस के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान पर सुनवाई करेगा.

अदालत ने कहा, ‘मूल्यांकन अधिकारी मार्च 2021 तक मुआवजे पर उचित आदेश पारित करेगा.” नागरिक निकाय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अभिनेत्री ने गैरकानूनी तरीके से अपने बंगले में निर्माण कार्य कराए थे. बीएमसी द्वारा नौ सितंबर को विध्वंस प्रक्रिया शुरु करने के बाद ही रनौत ने यह याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने अंतरिम आदेश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी.

क्या है मामला

आपको बता दें पिछले दिनों बीएमसी ने कंगना रनौत के बंगले को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर तोड़-फोड़ कर दी थी. कंगना इस तोड़फोड़ के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट गईं थी, जहां उन्होंने कहा था कि नोटिस देने का समय कम से कम 14 दिन होना चाहिए. इधर बीएमसी का कहना था कि कंगना के बंगले में बाथरूम और ऑफिस का निर्माण नक्शे के मुताबिक नहीं किया गया है. उसे अतिरिक्त जगह घेरकर अतिक्रमण करके बनाया गया है.

हाईकोर्ट के फैसले से कंगना खुश

अभिनेत्री कंगना रणौत बॉम्बे हाइकोर्ट के फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीत हासिल करता है, तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है. आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को भी धन्यवाद जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे. इसका एकमात्र कारण है कि आप एक खलनायक की भूमिका निभाते हैं, इसलिए मैं एक हीरो हो सकती हूं.”

Posted By: Shaurya Punj

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