राकेश मारिया का दावा- गुलशन कुमार की हत्‍या की थी जानकारी…

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी आत्‍मकथा ‘Let Me Say It Now’ में कैसेट किंग गुलशन कुमार को लेकर एक सनसनीखेज़ खुलासा किया है. उन्‍होंने अपनी किताब में लिखा है कि उन्‍हें पहले ही खबरी से इस बात की सूचना मिल गई थी कि शिव मंदिर में गुलशन कुमार की हत्‍या होनेवाली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2020 10:17 AM

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी आत्‍मकथा ‘Let Me Say It Now’ में कैसेट किंग गुलशन कुमार को लेकर एक सनसनीखेज़ खुलासा किया है. उन्‍होंने अपनी किताब में लिखा है कि उन्‍हें पहले ही खबरी से इस बात की सूचना मिल गई थी कि शिव मंदिर में गुलशन कुमार की हत्‍या होनेवाली है. लेकिन वह इस घटना को नहीं रोक पाये.

बता दें कि गुलशन कुमार टी-सीरीज कंपनी के मालिक थे और साल 1997 में उनकी हत्या की दी गई थी. उन्‍होंने कुछ ही सालों में फिल्‍मी गानों के कैसेट रिकॉर्डिंग, भक्ति एलबमों और फिल्‍म निर्माण से करोड़ों रुपये कमा लिये थे. इसी वजह से वह अंडरवर्ल्‍ड के निशाने पर थे.

पूर्व कमिश्नर मारिया ने दावा किया है कि गुलशन कुमार की हत्‍या के बारे में खबरी ने उन्‍हें जानकारी दी थी. जब उन्‍होंने खबरी से पूछा काकि कौन ऐसा करनेवाला है तो जवाब मिला था- अबु सलेम.

खबरी ने कहा था कि, सलेम ने शूटर्स के साथ सब प्‍लान तय कर लिया है. गुलशन घर से निकलकर हर दिन सुबह एक शिव मंदिर जाते हैं. वहीं उनका काम खत्‍म करनेवाले हैं. मारिया ने पूछा था कि क्‍या खबर पक्‍की है ? इसके जवाब में खबरी ने कहा था,’ साहब, खबर पक्‍की है, नहीं तो मैं आपको नहीं बताता. मारिया ने किताब में लिखा है कि फोन पर यह जानकारी मिलने के बाद वह सोचने लगे कि अब क्‍या करें.

महेश भट्ट को किया था फोन

मारिया ने किताब में लिखा है, खबरी से मिली जानकारी के बाद उन्‍होंने अगले दिन बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट को फोन किया था. उनसे पूछा था कि क्‍या वो गुलशन कुमार को पहचानते हैं ? पहले तो सुबह-सुबह मेरा फोन जाने से महेश भट्ट अचरज में पड़ गये थे. लेकिन फिर उन्‍होंने जवाब दिया-‘हां’, गुलशन कुमार को पहचानता हूं. मैं उनकी एक फिल्‍म का निर्देशन कर रहा हूं.’ महेश भट्ट ने इस बात की भी पुष्टि की थी कि वह हर सुबह शिव मंदिर जाते हैं.

पुलिस की सुरक्षा में थे गुलशन कुमार

मारिया का कहना है कि उन्‍होंने मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच से गुलशन कुमार को सुरक्षा देने को कहा था. लेकिन 12 अगस्‍त 1997 को फोन आया कि गुलशन कुमार की मंदिर में हत्‍या कर दी गई है. जब पुलिस सुरक्षा की जांच की गई तो पता चला कि गुलशन कुमार की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी उत्तर प्रदेश की पुलिस और कमांडो संभाल रहे थे. इसी वजह से मुंबई पुलिस ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली थी.

मारिया के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस सतर्कता से गुलशन कुमार की सुरक्षा कर रही थी, लेकिन जाने से मारने का संकट टल जाने के बाद उनकी सतर्कता कम हो गई. इस मौके का फायदा उठाकर गुलशन कुमार की हत्‍या कर दी गई.

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