Uttarakhand election 2022 : भाजपा को कांग्रेस दे रही सीधी टक्कर, आप भी खेल बिगाड़ने में जुटी

Uttarakhand में 2002 में पहली बार चुनाव हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी, नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने थे. 2007 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुआ था और भाजपा की सरकार बनी थी. अबतक जो चुनाव हुए हैं, उसमें एक बार भाजपा और कांग्रेस को जीत मिली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2022 10:18 PM

uttarakhand election 2022 : पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में 14 फरवरी को दूसरे चरण का मतदान होना है. इस चरण में उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर पर भी मतदान होगा. इस चुनाव में उत्तराखंड के 82 लाख से ज्यादा मतदाता इस चुनाव में उम्मीदवार बने कुल 632 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य को तय करेंगे.

सुबह आठ बजे होगा मतदान

उत्तराखंड में सुबह आठ बजे से शाम के छह बजे तक मतदान होगा. सभी मतदान केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जायेगा. प्रशासन की ओर से हैंड सैनेटाइजर और ईवीएम का इस्तेमाल करने के लिए ग्लव्स की व्यवस्था की गयी है.

यह है सियासी समीकरण

उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद से हर विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला रहा है. अभी उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है, जब प्रदेश अलग हुआ था तो वहां भाजपा की अंतरिम सरकार थी. पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी थे और उनके बाद भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री बने थे.

किसी भी पार्टी को दो बार जनता ने नहीं दिया मौका

2002 में पहली बार चुनाव हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी, नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने थे. 2007 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुआ था और भाजपा की सरकार बनी थी. अबतक जो चुनाव हुए हैं, उसमें एक बार भाजपा और कांग्रेस को जीत मिली है. चौथे विधानसभा में भाजपा की सरकार है. अब जबकि पांचवीं बार विधानसभा चुनाव हो रहा है, भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करके प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबला कर दिया है. इसके अलावा, क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल भी 48 सीटों पर चुनाव लड़कर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है.

भाजपा की साख बचाने की जिम्मेदारी पुष्कर सिंह धामी पर

उत्तराखंड में भाजपा की सरकार फिर से बने इसके लिए पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है. वहीं कांग्रेस की कमान हरीश रावत के कंधों पर है. हरक सिंह रावत भी भाजपा से निकलकर कांग्रेस में शामिल हो गये हैं, लेकिन उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला है पार्टी ने उनकी बहू को टिकट दिया है. खटीमा से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने का प्रयास कर रहे धामी का मुकाबला भुवन चंद्र कापडी से है जो प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं . दूसरी तरफ, कांग्रेस महा​सचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बार लालकुआं से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जहां उनका मुकाबला भाजपा के मोहन बिष्ट के अलावा कांग्रेस की बागी प्रत्याशी संध्या डालाकोटी से भी है. राजनीति के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में कांटे की टक्कर है और बाजी किसी भी तरफ पलट सकती है.

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Posted By : Rajneesh Anand

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