UP Chunav 2022: कैबिनेट मंत्री सतीश महाना की प्रतिष्ठा दांव पर, लगा पाएंगे जीत की ‘हैट्रिक’?

UP Chunav 2022: महाराजपुर सीट के गठन के बाद से बीजेपी के सतीश महाना ने पिछले दोनों चुनावों में जीत दर्ज की है. यह ऐसी सीट है, जहां पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी.

By Prabhat Khabar | February 16, 2022 5:46 PM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: कानपुर की महाराजपुर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट है. यहीं से वर्तमान सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना आते है. कानपुर की महाराजपुर विधानसभा सीट का गठन सन 2012 के नए परिसीमन के बाद हुआ था. इससे पहले यह विधानसभा सीट सरसौल के नाम से जानी जाती थी.

महाराजपुर सीट के गठन के बाद से बीजेपी के सतीश महाना ने पिछले दोनों चुनावों में जीत दर्ज की है. यह ऐसी सीट है, जहां पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी. यहां टिकट के लिए सपा में कलह शुरू हुई, जो आज भी जारी है. इस बार सपा ने फतेह बहादुर सिंह गिल को प्रत्याशी बनाया है.

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सरसौल के नाम से पहले जानी जाती थी महाराजपुर सीट

नए परिसीमन के पहले यह सीट सरसौल के नाम से जानी जाती थी. परिसीमन से पहले सरसौल में भाजपा जीत के लिए तमाम कोशिशें करती रही और उसे सफलता नहीं मिली. 1991 की राम लहर में भी भाजपा का इस सीट पर खाता नहीं खुल सका था. 1991 में सीट पर जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 1993 में सपा के जगराम सिंह ने यहां जीत दर्ज कर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन 1996 में यह सीट बसपा ने जीती.

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अरुणा तोमर का गणित 2012 में बिगड़ा

साल 2002 में सपा की अरुणा तोमर ने बसपा के उम्मीदवार को हराया और वह 2007 में भी विधायक बनीं. दो बार की विधायक अरुणा तोमर का परिसीमन के बाद गणित बिगड़ गया, जिसके चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

वर्तमान विधायक

भारतीय जनता पार्टी के सतीश महाना यहां से विधायक है और वर्तमान राज्य सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री भी है. सतीश महाना की उम्र 60 वर्ष है और स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है.

मतदाता

इस सीट पर कुल 4,28,521 मतदाता हैं, जिसमें 2 लाख 36 हजार 219 पुरुष और 1,91, 275 महिला वोटर हैं.

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जातिगत समीकरण

  • ब्राह्मण- 52हजार

  • पासी- 41हजार

  • क्षत्रिय- 38 हजार

  • जाटव- 36 हजार

  • कुशवाहा- 27 हजार

  • मुस्लिम- 26 हजार

  • अन्य- 80 हजार

क्षेत्र की पहचान

महाराजपुर विधानसभा की सबसे बड़ी पहचान है कि यहां पर सलेमपुर बालाजी का मंदिर है. यह आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. इसके अलावा, यहीं विपश्यना केंद्र भी है, जिसका शुभारंभ रास्ट्रपति ने किया था. चकेरी एयरपोर्ट और एचएएल भी इसी क्षेत्र में पड़ता है.

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क्षेत्र के मुद्दे

स्थानीय स्तर में रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा, ट्रैफिक से भी लोग परेशान रहते हैं. साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. करबिगवा आरओबी चार साल में भी पूरा नहीं हो पाया है. नर्वल में सीएचसी तो बन गई है पर स्टाफ की कमी है. छुट्टा पशुओं की समस्या है, जिससे किसानों को फसलें बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर

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