MBBS Abroad: डॉक्टर बनना देश के लाखों युवाओं का सपना होता है. माता-पिता भी बचपन से ही बच्चों को इस दिशा में आगे बढ़ाने की तैयारी करने लगते हैं. लेकिन जब MBBS की फीस की हकीकत सामने आती है, तो कई बार ये सपना अधूरा रह जाता है. मेडिकल की पढ़ाई अब केवल मेहनत नहीं, बल्कि भारी भरकम बजट की भी मांग करती है.
भारत में ही करोड़ों का खर्च
अगर आप सोच रहे हैं कि MBBS की पढ़ाई सिर्फ विदेश में महंगी है, तो भारत के कुछ निजी मेडिकल कॉलेज भी किसी से कम नहीं हैं. मणिपाल का कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, डीवाई पाटिल, श्री रामचंद्रा मेडिकल कॉलेज और SRM यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में MBBS कोर्स की कुल लागत 80 लाख से लेकर 1.1 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है. अगर मैनेजमेंट कोटा या NRI कोटा से एडमिशन लिया जाए, तो फीस 2 करोड़ रुपये तक जा सकती है. सरकारी कॉलेजों में सीटें सीमित हैं और प्रतियोगिता बेहद कड़ा है, जिससे अधिकतर छात्र निजी संस्थानों की ओर रुख करने को मजबूर होते हैं.
विदेश में पढ़ाई और भी महंगी
अब अगर कोई छात्र MBBS के लिए विदेश जाने का सोचता है, तो वहां का खर्च सुनकर होश उड़ सकते हैं. अमेरिका में मेडिकल डिग्री की कुल लागत करीब 2.5 से 3 करोड़ रुपये तक पहुंचती है. यूके और ऑस्ट्रेलिया में यह खर्च 1.5 करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये के बीच होता है. कनाडा में भी MBBS का कुल खर्च 1.8 करोड़ रुपये तक हो सकता है. इतना ही नहीं, इन देशों में MBBS से पहले एक अन्य ग्रेजुएट डिग्री की आवश्यकता होती है, जिससे पढ़ाई का समय और खर्च दोनों बढ़ जाते हैं. सिंगापुर जैसे देशों में भी मेडिकल कोर्स की फीस 90 लाख रुपये से कम नहीं है.
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