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Success Story: हाथ नहीं पर हिम्मत का था साथ, पैरों से ‘तकदीर’ लिखने वाली अंकिता ने ऐसे हासिल की NET JRF में AIR-2

उत्तराखंड की रहने वाली अंकिता तोपाल (Ankita Topal) की सफलता की अविश्वसनीय कहानी (Ankita Topal Success Story) पढ़ेंगे जो आपके सपनों को उड़ान देगी.

Ankita Topal Success Story in Hindi: दुनिया में जहां कुछ चुनौतियां अक्सर रोकती हैं लेकिन दृढ़ संकल्प और जज्बे से आगे बढ़ा जाए तो फिर असंभव को संभव किया जा सकता है. आपने बहुत कहानियां सुनी या पढ़ी होंगी लेकिन जज्बे और जिद से सफलता की ऊंचाई छूने की यह कहानी आपको बताएगी कि जो हम सोच सकते हैं, वो कर सकते हैं….बस प्रयास सही दिशा और ईमानदारी से होना चाहिए. दोनों हाथों के बिना जन्म होने के कारण अंकिता ने हार नहीं मानी और अपने पैरों की निपुणता का उपयोग करते हुए लेखन की कला में महारत हासिल की. अंकिता के ज्ञान की अथक खोज ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की और NET JRF में AIR-2 हासिल करना यह बताता है कि अंकिता की यात्रा केवल शारीरिक बाधाओं पर काबू पाने के बारे में नहीं बल्कि मानवीय क्षमता की सीमाओं को परिभाषित करने और अनगिनत लोगों को हिम्मत देने और प्रेरित करने के बारे में है. यहां आप उत्तराखंड की रहने वाली अंकिता तोपाल (Ankita Topal) की सफलता की अविश्वसनीय कहानी (Ankita Topal Success Story) पढ़ेंगे जो आपके सपनों को उड़ान देगी.

उत्तराखंड के चमोली की निवासी हैं अंकिता (Ankita Topal in Hindi)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंकिता तोपाल उत्तराखंड के चमोली जिले की रहने वाली हैं. वह जन्म से ही दिव्यांग है लेकिन फिर भी हर दिन संघर्ष करने का विकल्प चुनती हैं और सफल होने का सपना लिए आगे बढ़ती हैं. उन्होंने हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता दी क्योंकि वह समझती हैं कि शिक्षा जीवन के लिए बेहद जरूरी है. उनके पिता प्रेम सिंह तोपाल आईटीआई टिहरी में प्रशिक्षक हैं.

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हिस्ट्री में की पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई (Success Story)

दिव्यांग होने के बावजूद अंकिता ने अपनी कमजोरी को कभी अपनी आकांक्षाओं के आड़े नहीं आने दिया. जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं हैं और वह पैरों से लिखती है. उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई देवाल विकासखंड से की और उसके बाद ऋषिकेश से इंटरमीडिएट किया. उच्च शिक्षा के लिए अंकिता देहरादून चली गईं, जहां उन्होंने हिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई भी की.

अंकिता ने दो बार पास किया नेट (Motivational Story in Hindi)

अंकिता तोपाल (Ankita Topal) ने दो बार नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) पास किया है और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) परीक्षा के लिए भी क्वालिफाई किया है. उन्होंने न केवल JRF पास किया बल्कि नेट (NET in Hindi) में ऑल इंडिया रैंक 2 भी हासिल की.

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प्रेरणा है अंकिता की कहानी (Ankita Topal Success Story in Hindi)

अपने परिवार और उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन करने वाली अंकिता हमारे देश की एक रत्न हैं जो उन युवा लड़कियों के लिए एक आदर्श हैं जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं. अंकिता की कहानी एक प्रेरणा है और अन्य तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उनके जुनून, साहस और आगे बढ़ने के जज्बे को देखना चाहिए और सफलता के लिए सही दिशा और लगन से तैयार रहना चाहिए.

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