Success Story: जब सपनों में उड़ान भरने का हौसला हो, मेहनत रग-रग में बहती हो, और धैर्य हर मुश्किल में डटकर खड़ा रहे — तब कोई भी मंजिल असंभव नहीं होती. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है बिहार के लाल आदित्य वत्स की, जिन्होंने सीमित संसाधनों और एक छोटे से गांव से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में अपनी जगह बनाई. उनकी यह यात्रा सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि हर उस छात्र के लिए उम्मीद की एक रोशनी है, जो बड़े सपने देखता है और उन्हें पाने के लिए दिन-रात एक कर देता है. आइए जानते हैं, इस संघर्ष और सफलता की दास्तान को जो हर छात्र के लिए एक प्रेरणा बन सकती है.
स्कूली शिक्षा में अद्वितीय प्रदर्शन
आदित्य वत्स शुरू से ही पढ़ाई में तेज और मेहनती छात्र रहे हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल (DAV) पटना से ली, जहां उन्होंने हर कक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया. 5वीं तक पटना में पढ़ाई करने के बाद 10वीं में वे अपने परिवार के साथ हजारीबाग आ गए और वहां उन्होंने DAV हजारीबाग में दाखिला लिया. साल 2019 में उन्होंने 10वीं में 97.8% अंकों के साथ स्कूल टॉप किया, तो सभी शिक्षकों, दोस्तों और परिवार वालों को उन पर गर्व हुआ. यह सिर्फ एक नंबर नहीं था, बल्कि इस बात का प्रमाण था कि आदित्य अपनी पढ़ाई को लेकर कितने ईमानदार और समर्पित हैं. उन्होंने यह दिखा दिया कि अगर मन में ठान लो और मेहनत से पढ़ाई करो, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता. उनकी सफलता ने न सिर्फ उनके स्कूल में बल्कि पूरे शहर में उनका नाम रोशन किया. बहुत से छोटे बच्चे और उनके सहपाठी उन्हें देखकर प्रेरित हुए और उन्होंने भी मेहनत से पढ़ाई करने की ठानी. आदित्य की यह शुरुआत उनके सुनहरे भविष्य की मजबूत नींव बन गई.
आईआईटी की तैयारी और बड़े एग्जाम में सफलता
स्कूल के बाद आदित्य ने इंजीनियरिंग के सर्वोच्च संस्थानों में दाखिला पाने की तैयारी शुरू की. इस दौरान उन्होंने केवल IIT Entrance ही नहीं, बल्कि KVPY (किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना) और INMO (Indian National Mathematical Olympiad) जैसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक क्वालिफाई किया.
IIT-BHU से टेक्नोलॉजी की उड़ान
IIT की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद आदित्य ने IIT (BHU) वाराणसी में दाखिला लिया, जहां उन्होंने कंप्यूटर साइंस में B.tech किया. पढ़ाई के दौरान भी वे तकनीकी परियोजनाओं में आगे रहे, जिससे उन्हें उद्योग जगत में पहचान मिली. आदित्य बिहार के बक्सर जिले के देवकुली गांव के रहने वाले हैं. उनकी कामयाबी से पूरे गांव में जश्न का माहौल है.
अमेरिका की बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में मिला 68 लाख का पैकेज
अपनी कड़ी मेहनत और तकनीकी दक्षता के दम पर आदित्य को अमेरिका की एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी से 68 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला. यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय बनी.
आने वाली पीढ़ी के लिए संदेश
आदित्य की सफलता यह दिखाती है कि यदि लगन और मेहनत हो, तो गांव की सीमाएं भी ग्लोबल मंजिलों तक पहुंच सकती हैं. संसाधनों की कमी कभी भी आपके सपनों की उड़ान को नहीं रोक सकती, अगर आप ठान लें तो कोई मंजिल दूर नहीं.