Success Story: नक्सली इलाका बना तैयारी का अड्डा, गोलियों की गूंज के बीच क्रैक किया UPSC

Success Story: CRPF कमांडेंट राजू वाघ ने नक्सल प्रभावित बस्तर में तैनाती के दौरान बिना नौकरी छोड़े UPSC की तैयारी की और AIR 871 हासिल की. अनुशासन, पत्नी का सहयोग और निरंतर मेहनत से उन्होंने यह साबित कर दिया कि सपना किसी हालात का मोहताज नहीं होता.

By Pushpanjali | June 20, 2025 8:34 AM

Success Story: जब बात UPSC सिविल सेवा परीक्षा की होती है, तो आम धारणा यही होती है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए नौकरी छोड़नी पड़ती है, समाज से कटना पड़ता है और हर दिन का हर घंटा सिर्फ किताबों के नाम करना पड़ता है. लेकिन महाराष्ट्र के नासिक जिले के रहने वाले राजू वाघ ने इस सोच को पूरी तरह बदल कर रख दिया.

राजू वाघ, जो कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में CRPF कमांडेंट के पद पर तैनात थे, ने दिन में देश की सुरक्षा की और रात में अपने सपनों को संजोया. नतीजा—2024 की UPSC परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 871 हासिल की और यह दिखा दिया कि जब इरादे मजबूत हों, तो हालात कभी रास्ता नहीं रोक सकते.

नवोदय से NIT तक

राजू की शुरुआती पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई, फिर उन्होंने NIT नागपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. 2018 से ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी और हर असफल प्रयास के बाद खुद को और मजबूत किया.

CRPF में रहते कैसे की पढ़ाई?

बस्तर जैसे संवेदनशील इलाके में तैनात रहते हुए राजू का शेड्यूल बेहद कठिन था. वे सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करते, फिर ड्यूटी पर जाते. शाम को ड्यूटी के बाद 2-3 घंटे की फोकस्ड पढ़ाई और वीकेंड्स पूरी तरह से UPSC को समर्पित रहते. उनके अनुसार, क्वालिटी स्टडी और निरंतरता ही असली मंत्र है.

जीवनसाथी बनी सबसे बड़ी ताकत

इस सफर में राजू की सबसे बड़ी प्रेरणा रहीं उनकी पत्नी पूर्णिमा वाघ, जो खुद एक चीफ ऑफिसर हैं. दोनों साथ बैठकर पढ़ते, एक-दूसरे को प्रेरित करते और कठिनाइयों में भी एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते.

एक सच्ची मिसाल

राजू वाघ की कहानी यह बताती है कि सपने देखने के लिए नौकरी छोड़ना जरूरी नहीं, बल्कि जरूरी है समय का सही उपयोग, अनुशासन और मजबूत इरादा. उन्होंने यह साबित किया कि कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, जब साथ हो मेहनत और समर्थन.

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