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UGC New Rules 2025: विदेश से की है पढ़ाई? अब आसान होगी डिग्री की मान्यता, UGC ने बदले नियम

UGC New Rules 2025: UGC ने विदेशी डिग्रियों की मान्यता के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाना है. यह कदम विदेश से पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों को भारत में आगे की पढ़ाई या नौकरी के लिए राहत देगा. नए नियमों में एक ऑनलाइन पोर्टल, स्थायी समिति का गठन और पेशेवर डिग्रियों को अपवाद में रखा गया है. ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हैं और भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं.

UGC New Rules 2025 in Hindi: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी शिक्षण संस्थानों से प्राप्त डिग्रियों को मान्यता देने और समकक्षता प्रदान करने के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं. इनका उद्देश्य विदेशी डिग्रियों की मान्यता में होने वाली देरी और अस्पष्टता को कम करना है.  

UGC New Rules 2025: नए नियमों की आवश्यकता 

विदेश से पढ़ाई करके लौटने वाले भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या को अक्सर अपनी डिग्रियों की मान्यता में देरी और अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है, चाहे वह भारतीय संस्थानों में प्रवेश के लिए हो या रोजगार के लिए. इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यूजीसी ने  (UGC Recognition and Grant of Equivalence to Qualifications Obtained from Foreign Educational Institutions Regulations, 2025) अधिसूचित किए हैं.  

UGC New Rules Foreign Degree Recognition 2025 in Hindi: नए नियमों के मुख्य बिंदु

  • पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली: नए नियमों के तहत, विदेशी शैक्षणिक योग्यताओं की मान्यता पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली के माध्यम से की जाएगी, जिससे प्रक्रिया में निष्पक्षता और गति सुनिश्चित होगी.  
  • व्यावसायिक डिग्रियों के लिए अपवाद: ये नियम चिकित्सा, फार्मेसी, नर्सिंग, कानून, वास्तुकला आदि जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों की डिग्रियों पर लागू नहीं होंगे, क्योंकि इन क्षेत्रों में पहले से ही भारत में संबंधित नियामक परिषदों के नियम हैं.  
  • स्थायी समिति का गठन: मान्यता प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया जाएगा, जो विदेशी संस्थानों और उनकी योग्यता की वैधता तथा भारतीय मानकों के साथ उनकी समतुल्यता की समीक्षा करेगी. 
  • ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना: आवेदकों के लिए अपने मान्यता अनुरोध प्रस्तुत करने तथा अपनी स्थिति की जांच करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाएगा. 

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नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कार्य करना

यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार के अनुसार, यह सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है तथा इससे भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि यदि भारतीय संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करना है, तो हमें विदेशी डिग्रियों की निष्पक्ष तथा समयबद्ध मान्यता सुनिश्चित करनी होगी. 

इन नए नियमों के माध्यम से विदेशी डिग्रियों की मान्यता की प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी तथा त्वरित बनाया जाएगा, जिससे छात्रों तथा पेशेवरों को लाभ होगा. 

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