Success Story: बिना कोचिंग पहले प्रयास में ऐसे किया UPSC क्रैक, 22 साल के मुकुंद ऐसे बनें IAS

IAS Success Story: साल 2019 के टॉपर मुकुंद कुमार का यह पहला प्रयास था. हालांकि इसके पीछे उनकी कई सालों की मेहनत थी. जानते हैं मुकुंद से कैसे सही प्लानिंग और स्ट्रेटजी से उन्होंने पहले ही प्रयास में एग्जाम क्रैक किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2021 6:01 PM

साल 2019 के यूपीएससी टॉपर मुकुंद कुमार का यह पहला प्रयास था. हालांकि इसके पीछे उनकी कई सालों की मेहनत थी. बिहार के रहने वाले मुकुंद के बारे में बताएंगे जिन्होंने बिना किसी कोचिंग का सहारा लिए यूपीएससी परीक्षा के पहले अटेम्प्ट में 54वीं रैंक प्राप्त की थी.

मुकुंद कुमार बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं. वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मुकुंद के पिता के अनुसार, मुकुंद पढ़ाई में काफी एवरेज थे लेकिन उन्होंने हर परीक्षा में फर्स्ट डिवीज़न हासिल किया है. मुकुंद की तीन बहनें हैं.उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी आईएएस बनने की पूरी जर्नी का जिक्र किया है. जब मुकुंद ने तय किया कि उन्हें यह एग्जाम देना है उसके बाद वे दिन रात तैयारियों में जुट गए और एक बार अपनी प्रिपरेशन को लेकर आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने पहला अटेम्प्ट दिया. नतीजा वही हुआ जैसा मुकुंद ने सोचा था. पहली ही बार में मुकुंद ने 54वीं रैंक के साथ टॉप किया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में मुकुंद ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.

12 से 14 घंटे सिर्फ पढ़ाई

बात करते हुए मुकुंद यह बताया कि इसकी तैयारी के लिए उन्होंने पूरी तरह से टाइम टेबल को फॉलो किया था और पहले की तरह जैसे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते थे वो सब छोड़ दिया. उसके बाद करीब 12 से 14 घंटे को रोजाना पढ़ाई कर इस कठिन परीक्षा को पहली बार में निकाला. कोचिंग के बारे में वह कहते हैं कि मैं अपने पिता से UPSC की कोचिंग के लिए 2-3 लाख रूपए मांगता तो वह मना नहीं करते परन्तु इससे घर की आर्थिक स्थिति पर ज़रूर प्रभाव पड़ता. इसीलिए मैंने कोचिंग ना लेने का फैसला किया और खुद से ही तैयारी की.

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को लेकर मुकुंद का मानना है कि उम्मीदवारों को सबसे पहले परीक्षा का सिलेबस पढ़ना और समझना चाहिए. इसके बाद अपनी पढ़ाई की शुरुआत बेसिक्स से करें. इसके अलावा वह कहते हैं कि प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी अच्छे से करें क्योंकि अगर प्रीलिम्स क्लियर करने में ही असफल रहे तो आगे की तैयारी बेकार जाएगी.

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