Rupee Rebound: RBI के सपोर्ट से रुपये ने बाजार में दिखाया अपना दम, 46 पैसे उछलकर पहुंचा 89.20 पर
Rupee Rebound: भारतीय रुपये ने सोमवार को जबरदस्त वापसी की और डॉलर के मुकाबले 46 पैसे की मजबूती दिखाते हुए 89.20 पर बंद हुआ था. पिछले कारोबारी दिन इसकी भारी गिरावट ने बाजार को चौंका दिया था, लेकिन RBI के संभावित हस्तक्षेप ने माहौल बदल दिया. बोझिल विदेशी व्यापार माहौल और निवेश प्रवाह की कमी के बावजूद, रुपया अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा है. RBI गवर्नर का कहना है कि रुपया स्वाभाविक रूप से थोड़ा कमजोर होता है और बैंक सिर्फ ज्यादा उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए कदम उठाता है. अब बाजार की नजर आगे की चाल पर टिकी है.
Rupee Rebound: सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले तेजी से उभरा और 46 पैसे की बढ़त के साथ 89.20 पर बंद हुआ था. सप्ताह के अंत में शुक्रवार को रुपया 98 पैसे गिरकर 89.66 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन अमेरिकी डॉलर की भारी मांग, शेयर बाजार में बिकवाली और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितता के कारण रुपया कमजोर हुआ था.
क्या RBI ने हस्तक्षेप किया?
बाजार के जानकार मानते हैं कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सोमवार को इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया था. ट्रेडर्स के अनुसार, RBI ने गैर-डिलीवरबल फॉरवर्ड मार्केट में कदम रखा और रुपया स्थिर रखने के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप किया. IFA Global के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने अपने रिजर्व बचाकर उच्च स्तर पर हस्तक्षेप करने की योजना बनाई हो सकती है.
रुपया अभी भी कमजोर क्यों है?
हालांकि सोमवार को रुपया मजबूत हुआ था, लेकिन 2025 में यह अभी भी 4 प्रतिशत से अधिक नीचे है. इसके पीछे मुख्य कारण कमजोर व्यापार और पोर्टफोलियो फ्लो हैं. साथ ही, अमेरिका और भारत के बीच अब तक व्यापार वार्ता सुलझ नहीं पाई है.
RBI का दृष्टिकोण क्या है?
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हाल की गिरावट स्वाभाविक थी. उन्होंने बताया कि केंद्रीय बैंक केवल अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करता है. उनका मानना है कि रुपये का सालाना 3-3.5 प्रतिशत का अवमूल्यन ऐतिहासिक औसत के अनुसार सामान्य है.
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