NSE को-लोकेशन घोटाला: ब्रोकरों पर CBI का शिकंजा, दिल्ली-मुंबई समेत 10 से ज्यादा ठिकानों पर रेड

NSE को-लोकेशन घोटाला: NSE घोटाले से जुड़े को-लोकेशन मामले में सीबीआई ने दबिश तेज कर दी है. देश के कई शहरों में सीबीआई रेड कर रही है. को-लोकेशन मामला एनएसई के कंप्यूटर सर्वर से सूचनाओं को गलत तरीके से शेयर ब्रोकर्स तक पहुंचाने से जुड़ा है.

By Agency | May 21, 2022 2:07 PM

NSE को-लोकेशन घोटाला: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले के सिलसिले में शनिवार को कई शहरों में 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी शुरू की है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई, गांधीनगर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और कोलकाता समेत अन्य शहरों में ब्रोकर्स के 12 से अधिक परिसरों की तलाशी ली जाएगी. एनएसई से जुड़े ब्रोकरों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. बता दें, को-लोकेशन मामला एनएसई के कंप्यूटर सर्वर से सूचनाओं को गलत तरीके से शेयर ब्रोकर्स तक पहुंचाने से जुड़ा है.

सीबीआई ने किया आरोप पत्र दायर: केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण तथा समूह के ऑपरेटिंग अधिकारी आनंद सुब्रह्मण्यम के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया है. अभी तक की जांच से पता चला है कि 2010 से 2015 तक जब रामकृष्ण एनएसई के मामलों की प्रबंधक थी, तब प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों में से एक ओपीजी सिक्योरिटीज ‘‘फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस” वर्ग में 670 कारोबारी दिवसों पर द्वितीय पीओपी सर्वर से जुड़ी.

ब्रोकरों को दी जाती थी जानकारी: सीबीआई ने उन आरोपों पर जांच शुरू की है कि रामकृष्ण और सुब्रह्मण्यम के कार्यकाल के दौरान एनएसई अधिकारियों ने कुछ ब्रोकर को तरजीह दी तथा इससे अनुचित लाभ हासिल किए. पूर्व सीईओ रवि नारायण के बाद 2013 में एनएसई की प्रमुख बनने वाली रामकृष्ण ने सुब्रह्मण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में वार्षिक 4.21 करोड़ रूपये ऊंचे वेतन पर ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) बनाया गया.

सेबी के ऑडिट के दौरान रामकृष्ण के ई-मेल की जांच से पता चला कि सुब्रह्मण्यम की विवादित नियुक्त और उसके बाद पदोन्नति के अलावा कुछ अहम फैसले एक अज्ञात व्यक्ति के कहने पर लिए गए, जिसे रामकृष्ण ने हिमालच में रहने वाला एक रहस्यमयी ‘‘योगी” होने का दावा किया.

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने शेयर बाजार की ट्रेडिंग प्रणाली तक जल्द पहुंच हासिल कर कथित लाभ कमाने के लिए 2018 में दिल्ली की ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक तथा प्रोमोटर संजय गुप्ता पर मामला दर्ज किया था.

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