बजट 2022 : निर्मला सीतारमण से 80सी का दायरा बढ़ाने की उम्मीद, मीडिल क्लास को मिल सकती है बड़ी राहत

विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स पर 1.5 रुपये तक के टैक्स पर सरकार की ओर से जो छूट दी जाती है, उससे आम आदमी और खासकर नौकरी-पेशा लोगों को कोई खास फायदा नहीं होता. 1.5 लाख रुपये से अधिक की रकम तो बच्चों की स्कूल फीस पर ही खर्च हो जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2022 1:26 PM

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को भारत का केंद्रीय बजट 2022 पेश करेंगी. इसके लिए सरकार की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है. इस बजट से उद्योग जगत के साथ-साथ आम आदमी की उम्मीदें भी लगी हैं. खासकर, कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित मीडियम क्लास फैमिली और नौकरी-पेशा लोगों को तो कुछ ज्यादा ही उम्मीद है. मीडिल क्लास फैमिली और नौकरी-पेशा लोगों की उम्मीद यह है कि इस बार के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 80सी का दायरा बढ़ाकर उन्हें राहत देने का काम करेंगी.

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, देश की जीवन बीमा कंपनियों ने तो बीमा प्रीमियम पर अलग से छूट की मांग की है. फिलहाल, आयकर के नियम 80सी के तहत लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है. 80सी के तहत म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट, ट्यूशन फीस, होम लोन, पीपीएफ सहित कई दूसरे खर्चों पर भी टैक्स छूट मिलती है. इसके चलते लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए टैक्स छूट की ज्यादा गुंजाइश नहीं बचती है.

बीमा कंपनियों का क्या है तर्क?

बीमा कंपनियों का मानना है कि जीवन बीमा के प्रीमियम पर अलग से टैक्स छूट मिलने से इंश्योरेंस कराने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. उन्होंने इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सिफारिश भी की है. अभी कोई व्यक्ति 80सी के तहत आने वाले किसी भी निवेश माध्यम में सालाना 1.5 लाख रुपये के निवेश पर कर टैक्स छूट हासिल कर सकता है. जीवन बीमा प्रीमियम के लिए अलग से कोई सीमा तय नहीं है.

क्यों बढ़ाना चाहिए 80सी का दायरा

वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स पर 1.5 रुपये तक के टैक्स पर सरकार की ओर से जो छूट दी जाती है, उससे आम आदमी और खासकर नौकरी-पेशा लोगों को कोई खास फायदा नहीं होता. इसका कारण यह है कि साल में 1.5 लाख रुपये से अधिक की रकम तो बच्चों की स्कूल फीस पर ही खर्च हो जाता है. इसके अलावा, आम आदमी बचत के लिए जो निवेश करता है, उससे उसे कोई फायदा नहीं मिलता है. इसलिए सरकार को 80सी के तहत छूट का दायरा बढ़ाना चाहिए.

आम आदमी के फायदे के लिए सेपरेट बकेट की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की ओर से आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश में टैक्स की जो छूट दी जाती है, उसमें कुछ सीमित चीजें ही आ पाती हैं. इससे आम आदमी को किसी प्रकार का फायदा नहीं पहुंच पाता है. खासकर, लाइफ इंश्योरेंस या फिर दूसरी योजनाओं में निवेश का कोई फायदा नहीं मिलता है. इसलिए सरकार को आम आदमी को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए एक सेपरेट बकेट बनाना चाहिए, ताकि इससे आम आदमी को लाभ मिल सके.

Also Read: Budget 2022: बजट में आर्थिक सुधार के साथ-साथ आम आदमी को राहत भी दिलाना चाहता है उद्योग जगत, पढ़िए रिपोर्ट
10(10डी) के जरिए बोनस पर भी मिलता है छूट का लाभ

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कोरोना महामारी के आने के बाद से ही लोगों के रहन-सहन की लागत काफी बढ़ चुकी है. उद्योग जगत और बीमा कंपनियों ने सरकार से आयकर की धारा 10(10डी) के तहत छूट देने की मांग की है. 10(10डी) के तहत लोगों को बोनस और जीवन बीमा के प्रीमियम समेत अन्य दूसरी योजनाओं में निवेश पर भी टैक्स से छूट का लाभ मिल सकता है.

Next Article

Exit mobile version