LIC Policy Revival Updates: क्या आपकी लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी हो चुकी है लैप्‍स, जानें इसे दोबारा चालू कराने का आसान तरीका

LIC Policy Revival Updates:अगर आपने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) एलआईसी (LIC) की कोई पॉलिसी लैप्स हो गई है या बंद हो गयी हो, तो अब आप उसे दोबारा चालू करवा सकते हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2021 12:40 PM

LIC Policy Revival Updates:अगर आपने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) एलआईसी (LIC) की कोई पॉलिसी लैप्स हो गई है या बंद हो गयी हो, तो अब आप उसे दोबारा चालू करवा सकते हैं. दरअसल, जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम तय समय पर नहीं जमा करने पर पॉलिसी लैप्स हो जाती है. ऐसे में निराश न हों, बीमा कंपनी की ओर से बंद या लैप्स हो चुकी पॉलिसी को दोबारा चालू किया जा सकता है. इसके लिए क्या है पूरी प्रक्रिया हम आपको बता रहे हैं.

पॉलिसी लैप्स होने की शर्त : न्यूनतम एक साल तक प्रीमियम नहीं जमा करने पर पॉलिसी लैप्स मानी जाती है. वैसे यह अवधि अलग-अलग कंपनियों में अलग हो सकती है. तीन साल तक प्रीमियम नहीं जमा करने पर पॉलिसी को लैप्स घोषित हो जाती है और इसकी जानकारी पॉलिसी होल्डर को एसएमएस के द्वारा भेजी भी जाती है. भारतीय जीवन बीमा निगम के अनुसार पांच साल तक प्रीमियम नहीं जमा करने पर पॉलिसी पूरी तरह लैप्स घोषित हो जाती है. इसे रीवाइव नहीं किया जा सकता है.

पॉलिसी रीवाइवल कराने की प्रक्रिया

रीवाइवल कोट लेना होगा: बीमा कंपनी के निकटतम ब्रांच में जाकर रीवाइवल कोट लेना होगा, इसके बाद जो बची हुई प्रीमियमों का जोड़ होता है, उस राशि को जमा करना होगा.

रीवाइवल पेनल्टी भी जमा करना होगा: इसके साथ ही रीवाइवल पेनल्टी भी जमा करना होगा. पॉलिसी होल्डर की उम्र और पॉलिसी की राशि के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य की डिक्लरेशन भी जमा कराना पड़ता है.

जमा करानी होगी मेडिकल रिपोर्ट: अगर मेडिकल हिस्ट्री है या मेडिकल चेकअप हुआ है, तो मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करानी होती है.

भरना होगा फार्म सं 680: भारतीय जीवन बीमा निगम में इसके लिए एक फार्म होता है जिसे रीवाइवल फॉर्म (फार्म सं 680) होता है. इस फॉर्म के साथ प्रीमियम की कुल राशि (पेनल्टी के साथ) और अपना आइडी व एड्रेस प्रूफ की प्रति जमा करना होता है. अगर यह राशि 50 हजार से अधिक होगी, तो अनिवार्य रूप से पैन कार्ड की कॉपी भी जमा करनी होती है. इसे कंपनी के निकटतम ब्रांच में जमा किया जा सकता है.

इन बातों का रखें ध्‍यान : लैप्स हो चुकी पॉलिसी को दोबारा चालू कराने से पहले कुछ बातों पर गौर कर लें, सबसे पहले यह जान लें कि, पॉलिसी दोबारा चालू कराने से नई पॉलिसी खरीदना कभी कभी अधिक किफायती रहता है. दूसरा, इंश्‍योरेंस कंपनियां अक्सर पॉलिसी रिवाइवल कैंपन चलाती हैं. ऐसे में लैप्‍स हो चुकी पॉलिसी को दोबारा चालू कराना ज्यादा सस्ता पड़ता है.

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Posted by: Pritish Sahay

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