भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश जारी: साइबर सुरक्षा, फिनटेक और AI का बोलबाला
StartUp News: भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है, जो अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।
StartUp News: भारत के स्टार्टअप क्षेत्र में निवेश का दौर लगातार जारी है, जिसमें साइबर सुरक्षा, फिनटेक और AI आधारित कंपनियों का बोलबाला है. पिछले हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल $130. 49 मिलियन का निवेश जुटाया है, जिसमें 21 डील शामिल हैं. इसमें साइबर सुरक्षा स्टार्टअप सेफ सिक्योरिटी ने $70 मिलियन का सबसे बड़ा निवेश हासिल किया, जबकि फिनटेक यूनिकॉर्न नवी टेक्नोलॉजीज ने भी ₹170 करोड़ (लगभग $20 मिलियन) जुटाए. AI स्टार्टअप मेटाफॉर्म्स को $9 मिलियन का निवेश मिला, जो इस सेक्टर की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. यह रुझान बताता है कि निवेशक अब उन क्षेत्रों में पैसा लगा रहे हैं, जहाँ भविष्य में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, खासकर जब पूरे विश्व में निवेश में कमी देखी जा रही है, भारत में यह वृद्धि सकारात्मक संकेत है.
भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश जारी: साइबर सुरक्षा, फिनटेक और AI का बढ़ता प्रभुत्व
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है, जो अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। यह वृद्धि नवाचार और उद्यमिता के मजबूत होते माहौल को दर्शाती है। हालांकि, निवेश के माहौल में कुछ उतार-चढ़ाव देखे गए हैं, लेकिन साइबर सुरक्षा, फिनटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों में निवेश लगातार जारी है और इनका प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है।
भारतीय स्टार्टअप निवेश परिदृश्य
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश का रुझान बदल रहा है। 2025 की पहली छमाही में भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने कुल 4. 8 अरब डॉलर (लगभग 40 हजार करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है। यह राशि हालांकि 2024 की पहली छमाही से 25% और 2024 की दूसरी छमाही से 19% कम है, फिर भी भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे अधिक फंडिंग पाने वाला देश बना हुआ है, अमेरिका और ब्रिटेन के बाद। इस फंडिंग में गिरावट के बावजूद, निवेशकों का भरोसा भारतीय स्टार्टअप्स पर बना हुआ है, खासकर उन मॉडलों पर जो स्थिरता और नवाचार पर आधारित हैं।
2024 तक, DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2016 के लगभग 502 से बढ़कर 1,57,706 हो गई है। इन स्टार्टअप्स ने 17. 28 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार पैदा किए हैं, जिसमें आईटी सेवा क्षेत्र सबसे आगे है। यह दर्शाता है कि भारतीय स्टार्टअप्स न केवल नवाचार कर रहे हैं, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
| फंडिंग स्टेज | H1 2024 (बिलियन डॉलर) | H2 2024 (बिलियन डॉलर) | H1 2025 (बिलियन डॉलर) |
|---|---|---|---|
| सीड स्टेज | लगभग 0. 81 (अनुमानित) | लगभग 0. 81 (अनुमानित) | 0. 452 |
| अर्ली स्टेज | लगभग 1. 83 (अनुमानित) | लगभग 1. 76 (अनुमानित) | 1. 6 |
| लेट स्टेज | लगभग 3. 69 (अनुमानित) | लगभग 3. 33 (अनुमानित) | 2. 7 |
साइबर सुरक्षा में बढ़ता निवेश
जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया का विस्तार हो रहा है, साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ रहा है। इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए, साइबर सुरक्षा क्षेत्र में निवेश महत्वपूर्ण हो गया है। भारत में साइबर सुरक्षा बाजार 2021 में सालाना 40 प्रतिशत बढ़कर 9. 85 अरब डॉलर हो गया था, और उद्योग के अनुमानों के अनुसार 2025 तक यह 35 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह वृद्धि देश की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के कारण है। 2024 में, भारत में साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के 23 लाख से अधिक मामले सामने आए, जिससे 1200 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। अमेरिका और रूस के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश है जहां सबसे ज्यादा साइबर हमले होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को साइबर और सीमा सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में बड़े पैमाने पर निवेश करने की आवश्यकता है। एक सर्वेक्षण में शामिल 86% प्रतिभागियों ने कहा कि भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए AI तंत्र को मजबूत करने पर बड़े पैमाने पर काम करना होगा। साइबर सुरक्षा समाधान प्रदान करने वाली कंपनियों में लगातार निवेश हो रहा है। उदाहरण के लिए, आदित्य इंफोटेक जैसी कंपनियां भारत में बदलते साइबर सुरक्षा नियमों का लाभ उठाकर बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं।
फिनटेक क्षेत्र में मजबूत विकास
भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है, जो अमेरिका और ब्रिटेन के बाद आता है। 2025 की पहली छमाही में फिनटेक क्षेत्र ने कुल 889 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। शुरुआती चरण की फंडिंग में भी तेजी देखी गई है। 2025 की पहली तिमाही में फिनटेक स्टार्टअप्स को कुल 366 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली, जिसमें मार्च में कंपनियों ने सबसे अधिक 187 मिलियन डॉलर जुटाए। यह कुल फंडिंग का 51 प्रतिशत था। बैंकिंग टेक, इंटरनेट-फर्स्ट इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म और इन्वेस्टमेंट टेक 2025 की पहली तिमाही में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों के रूप में उभरे।
यूपीआई (UPI) की सिंगापुर, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों में बढ़ती स्वीकार्यता भारतीय फिनटेक कंपनियों के लिए विदेशों में संचालन का विस्तार करने और इस क्षेत्र में अधिक पूंजी आकर्षित करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करती है। यह दर्शाता है कि भारतीय फिनटेक कंपनियां न केवल घरेलू स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। AI में निवेश से नवाचार, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार ने 10,738 करोड़ रुपये के निवेश से AI स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा देने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारत को AI के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। लखनऊ जैसे शहर AI इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं, जिसमें 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) और AI नवाचार केंद्र की स्थापना शामिल है।
AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रहा है, जिसमें स्मार्ट खेती, चिकित्सा, शिक्षा, और ट्रैफिक प्रबंधन शामिल हैं। भारत में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जो AI के लिए एक बड़ा बाजार प्रदान करते हैं। डिजिटल इंडिया, ओएनडीसी (ONDC) और आधार जैसी सरकारी पहलें AI के विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार कर चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि AI कई तरह की नई नौकरियां भी पैदा करेगा, जैसे डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और एथिकल AI।
सरकारी पहल और आगे की राह
भारत सरकार “स्टार्टअप इंडिया” जैसी प्रमुख पहलों के माध्यम से देश में स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखती है। यह पहल उद्यमियों के लिए एक सहायक ढांचा प्रदान करती है, जिसमें कर छूट, त्वरित पेटेंट प्रक्रिया और आसान नियामक अनुपालन शामिल हैं। “फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (FFS)” योजना, जिसे जून 2016 में 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ शुरू किया गया था, का उद्देश्य स्टार्टअप्स के लिए घरेलू पूंजी तक पहुंच को बढ़ावा देना है। दिसंबर 2024 तक, FFS योजना के तहत 1,173 स्टार्टअप्स में 21,276 करोड़ रुपये का निवेश उत्प्रेरित हुआ है।
सरकार अटल अभिनव मिशन (AIM) और स्व-रोजगार और प्रतिभा उपयोग (SETU) कार्यक्रम के साथ-साथ स्टार्टअप उत्सवों का आयोजन भी करती है ताकि नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। इन पहलों का उद्देश्य स्टार्टअप्स को संभावित निवेशकों, परामर्शदाताओं और साथी स्टार्टअप्स के सामने अपने काम और विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
हालांकि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में विकास हो रहा है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे फंडिंग की कमी और जटिल नियामक मुद्दे। वैश्विक आर्थिक मंदी और बढ़ती ब्याज दरों ने उद्यम पूंजी के प्रवाह को कम कर दिया है। हालांकि, छोटे शहरों से भी स्टार्टअप्स का उदय हो रहा है, जो देश भर में उद्यमिता के विकास को दर्शाता है। इंदौर, जयपुर और अहमदाबाद जैसे उभरते केंद्र अब लगभग 50% स्टार्टअप का घर हैं।
भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम और निजी क्षेत्र का बढ़ता निवेश भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत कर रहा है। साइबर सुरक्षा, फिनटेक और AI जैसे क्षेत्रों में बढ़ता ध्यान न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत को वैश्विक नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।
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