India US Trade Talks: भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर तेज, अगले हफ्ते अमेरिका जाएगी अधिकारियों की टीम
India US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर वार्ता अब निर्णायक मोड़ में है. भारतीय अधिकारियों की टीम अगले हफ्ते अमेरिका जाएगी. अब तक पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और पहला चरण अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. अमेरिका की ओर से लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों के बीच यह समझौता दोनों देशों के व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद कर सकता है.
India US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है. भारत के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सप्ताह अमेरिका की यात्रा करेगा. एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, दोनों देशों के बीच वार्ता का माहौल सकारात्मक है और अब तक पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है.
फरवरी 2025 में शुरू हुई थी बातचीत
इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच हुई बैठक में अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत का निर्देश दिया गया था. इससे पहले चरण को 2025 की शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) तक पूरा करने की योजना है. इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और निवेश प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद है.
पिछले महीने न्यूयॉर्क में हुई थी महत्वपूर्ण बैठक
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की थी. उस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई कि बातचीत को रचनात्मक तरीके से जारी रखा जाएगा, ताकि एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता जल्द से जल्द तैयार किया जा सके.
अमेरिका के शुल्क और जुर्माने से बढ़ी चुनौतियां
इस वार्ता का महत्व इसलिए और बढ़ गया है, क्योंकि अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल की खरीद के चलते भारतीय सामान पर 25% रेसिप्रोकल टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के एवज में 25% अतिरिक्त जुर्माना लगाया है. यानी वर्तमान में भारतीय उत्पादों पर कुल 50% अतिरिक्त आयात शुल्क लागू है. यह कदम भारत के निर्यात क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.
500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है लक्ष्य
भारत और अमेरिका के बीच वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार 191 अरब अमेरिकी डॉलर का है. इस समझौते का लक्ष्य इसे 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, और सर्विस सेक्टर में नए अवसर खोलेगा.
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है अमेरिका
वित्तीय वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर का रहा, जिसमें 86.5 अरब डॉलर का निर्यात शामिल था. भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 18%, आयात में 6.22% और कुल व्यापार में 10.73% रही.
इसे भी पढ़ें: LIC SIP Plan: एलआईसी एसआईपी में हर महीने 25,000 जमा करने पर 10 साल में कितना मिलेगा पैसा, जानें पूरा कैलकुलेशन
समझौते पर बड़ी प्रगति की उम्मीद
विश्लेषकों का मानना है कि यदि अगले कुछ महीनों में वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ती रही, तो भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में एक ऐतिहासिक समझौता संभव है. इससे दोनों देशों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में भी नई दिशा तय करेगा.
इसे भी पढ़ें: ट्रंप के टैरिफ से चीन को लगा जोरदार झटका, सितंबर में अमेरिकी निर्यात में बड़ी गिरावट
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.
