टैक्सपेयर्स की टैक्स मांग की गणना का काम होगा तेज, सीबीडीटी ने अधिकारियों को जारी किया फरमान

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी आयकरदाताओं के करों के आकलन का काम अगस्त के अंत तक पूरा कर लें. इसके अलावा सभी फील्ड अधिकारियों के लिए अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2020 1:32 PM

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी आयकरदाताओं के करों के आकलन का काम अगस्त के अंत तक पूरा कर लें. इसके अलावा सभी फील्ड अधिकारियों के लिए अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया गया है. संग्रहण में कमी के बीच कर राजस्व के लक्ष्य को पाना चुनौती नजर रहा है, जिसके मद्देनजर सीबीडीटी प्रमुख ने यह निर्देश जारी किया है.

आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्तों को लिखे पत्र में मोदी ने कहा है कि कई करदाता ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत आवेदन करने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन उनको कर विभाग से उनपर बने कर ही सही मांग के बारे में सूचना का इंतजार है. सीबीडीटी प्रमुख ने अधिकारियों के लिए लंबित अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया है.

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अधिकारियों से कहा गया है कि वे ई-फाइलिंग पोर्टल या सिर्फ ई-मेल के जरिये जानकारी भेजकर अपीलों का निपटान करें. सीबीडीटी के प्रमुख ने नौ जुलाई को लिखे पत्र में कहा है कि बोर्ड चाहता है कि विवाद से विश्वास योजना के तहत आने वाले करदाताओं की कर मांग और कर भुगतान की गणना या रिफंड से संबंधित कामकाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. मोदी ने कर अधिकारियों से कहा है कि वे विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदनों पर तत्काल गौर करें.

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इस योजना के तहत आवेदन मिला हो या नहीं मिला हो, सभी आकलन अधकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले आयकरदाताओं के कर भुगतान या कर रिफंड की गणना का काम तेजी से निपटाना होगा. सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह कार्य सभी आयकरदाताओं के लिए किया जाना है, चाहे वे इस योजना का विकल्प चुनना चाहते हैं या नहीं चुनना चाहते हैं. इससे अंतिम समय में किसी तरह की समस्या खड़ी नहीं होगी. आकलन अधिकारियों को इस प्रक्रिया को 31 अगस्त, 2020 तक पूरा करना होगा.

विवाद से विश्वास योजना के तहत कर विवादों का निपटान करने की समयसीमा 30 दिसंबर, 2020 को समाप्त होगी. इस योजना के तहत विवाद का समाधान के करने के इच्छुक करदातओं को 31 दिसंबर तक कर की पूरी राशि जमा कराने पर ब्याज और जुर्माने से छूट मिलेगी। इस योजना के तहत 9.32 लाख करोड़ रुपये के 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर मामलों के निपटान का लक्ष्य है.

ये मामले विभिन्न अपीलीय मंचों मसलन आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालयों में लंबित हैं. यह राशि 2020-21 के प्रत्यक्ष कर संग्रह के बजट लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपये का 71 प्रतिशत बैठती है. इसमें से आयकर संग्रह का लक्ष्य 6.38 लाख करोड़ रुपये तथा कॉरपोरेट कर संग्रह का लक्ष्य 6.81 लाख करोड़ रुपये है. 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.33 लाख करोड़ रुपये रहा था. 2018-19 में यह 12.97 लाख करोड़ रुपये था.

Posted By: Utpal kant

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