ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर व उनके पति जेल से रिहा, Videocon के फाउंडर की जमानत याचिका पर आज होगी सुनवाई

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को आज जेल से रिहा कर दिया गया.

By Samir Kumar | January 10, 2023 11:55 AM

ICICI Videocon Loan Fraud Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को आज जेल से रिहा कर दिया गया. बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को लोन धोखाधड़ी के एक मामले में सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी थी. कोर्ट ने कोचर दंपत्ति को अंतरिम राहत देते हुए कहा था कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह न केवल लिखित में गिरफ्तारी के कारणों को रिकॉर्ड करे, बल्कि उन मामलों में भी जहां पुलिस ऐसा नहीं करने का विकल्प चुनती है.

23 दिसंबर 2022 को हुई थी गिरफ्तारी

सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के लोन धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. चंदा कोचर और उनके पति ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. दोनों ने अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर छोड़े जाने की गुहार लगाई थी. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पीके चव्हाण की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थीं. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने और अंतिम निस्तारण होने तक जमानत पर रिहाई का हक है. हाई कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 6 फरवरी की तारीख तय की.

वीडियोकॉन के संस्थापक की जमानत याचिका पर आज होगी सुनवाई

बंबई हाईकोर्ट आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक लोन फ्राड केस में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की जमानत याचिका पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई करेगा. वेणुगोपाल धूत ने अदालत से प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का भी आग्रह किया है. धूत को 26 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. अपनी याचिका में, उन्होंने सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने और जांच पर रोक लगाने के साथ-साथ जमानत पर रिहा करने की मांग की है.

धूत ने अपनी याचिका में कही ये बात

धूत ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को मनमाना, अवैध, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए) का घोर उल्लंघन बताया है, जिसके अनुसार आरोपी को जांच के लिए नोटिस जारी करना अनिवार्य होता है और अत्यंत आवश्यक होने पर ही गिरफ्तारी की जानी चाहिए. सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है.

जानिए धूत पर क्या है आरोप

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं. प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की. पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था.

Next Article

Exit mobile version