Diwali Sale: दिवाली पर लोगों ने जमकर की खरीदारी, बिक्री का बन गया नया रिकॉर्ड

Diwali Sale: दिवाली 2025 पर भारत में रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जिसमें 5.40 लाख करोड़ रुपये उत्पादों और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं से आए. कैट के सर्वेक्षण के अनुसार, जीएसटी कटौती और मजबूत उपभोक्ता विश्वास ने बिक्री को बढ़ावा दिया. पारंपरिक और गैर-कॉरपोरेट बाजारों ने कुल व्यापार का 85% योगदान दिया. प्रमुख श्रेणियों में राशन, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, घरेलू सजावट और उपहार शामिल हैं. दिवाली के अवसर पर 50 लाख अस्थायी रोजगार सृजित हुए.

By KumarVishwat Sen | October 21, 2025 6:30 PM

Diwali Sale: इस साल भारत में दिवाली के मौके पर लोगों ने जमकर खरीदारी की. इस पावन त्योहार के मौके पर देशभर में रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई. इसमें से लगभग 5.40 लाख करोड़ रुपये उत्पादों की बिक्री से आए, जबकि 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं से जुड़े. यह जानकारी कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को जारी की. पिछले साल दिवाली पर कुल बिक्री 4.25 लाख करोड़ रुपये थी, जिससे इस साल की बिक्री में बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले रिकॉर्ड तोड़ है.

मजबूत उपभोक्ता विश्वास का योगदान

कैट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती और उपभोक्ताओं में मजबूत विश्वास ने इस साल दिवाली पर बिक्री को बढ़ावा दिया. व्यापारियों के संगठन ने यह आंकड़ा देशभर के 60 प्रमुख वितरण केंद्रों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जारी किया, जिसमें राज्यों की राजधानी शहरों के साथ-साथ दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर शामिल हैं.

पारंपरिक बाजारों की मजबूत वापसी

मुख्यधारा की खुदरा बिक्री में गैर-कॉरपोरेट और पारंपरिक बाजारों का योगदान कुल व्यापार का लगभग 85% रहा. यह ऑनलाइन खरीदारी के दौर में छोटे व्यापारियों और भौतिक बाजारों की वापसी को दर्शाता है. इससे यह भी पता चलता है कि उपभोक्ताओं का विश्वास स्थानीय दुकानों और पारंपरिक बाजारों में भी बढ़ा है.

किन चीजों की कितनी बिक्री

  • राशन और रोजमर्रा के सामान: 12%
  • सोना और आभूषण: 10%
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और बिजली उपकरण: 8%
  • टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद: 7%
  • रेडिमेड कपड़े: 7%
  • गिफ्ट: 7%
  • घरेलू सजावट: 5%
  • फर्निशिंग और फर्नीचर: 5%
  • मिठाई और नमकीन: 5%
  • कपड़ा: 4%
  • पूजा सामग्री: 3%
  • फल और सूखे मेवे: 3%

दिवाली की बिक्री में सेवाओं का योगदान

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि इस साल सेवाओं के क्षेत्र ने दिवाली बिक्री में 65,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया. इसमें पैकेजिंग, आतिथ्य, कैब सेवाएं, यात्रा, कार्यक्रम आयोजन, टेंट और सजावट, मानव संसाधन और आपूर्ति जैसी सेवाएं शामिल हैं.

जीएसटी कटौती का असर

सर्वे में शामिल 72% व्यापारियों ने बताया कि रोजमर्रा की वस्तुएं, जूते, परिधान, कन्फेक्शनरी, घरेलू सजावट और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती ने उच्च बिक्री का मुख्य कारण बनाया. इसके साथ ही, स्थिर कीमतों ने उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ाई और उत्सव के दौरान खर्च को प्रोत्साहित किया.

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रोजगार सृजन और ग्रामीण भाग का योगदान

दिवाली के अवसर पर कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी से लगभग 50 लाख अस्थायी रोजगार सृजित हुए. इनमें से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों ने कुल व्यापार का लगभग 28% हिस्सा लिया. इससे यह स्पष्ट है कि न केवल बड़े शहरों बल्कि छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों में भी दिवाली के अवसर पर खरीदी में तेजी आई.

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