Covid-19 के वैक्सीन में देरी होने 7.5 फीसदी तक घट सकती है भारत की GDP

कोविड-19 (Covid-19) का टीका (Vaccine) आने में यदि लंबा समय लगता है, तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा पड़ सकता है. वैश्विक ब्रोकिंग कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज (BofA Securities) के मुताबिक यदि टीका आने में लंबा समय लगा तो भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) वित्त वर्ष 2020-21 (FY 2020-21) में 7.5 फीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान है. हालांकि, परिस्थितियां यदि उम्मीद के मुताबिक रहती हैं, तो तब ब्रोकिंग कंपनी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में चार फीसदी गिरावट (Decline) का अनुमान लगाया गया है.

By Agency | July 13, 2020 3:59 PM

मुंबई : कोविड-19 (Covid-19) का टीका (Vaccine) आने में यदि लंबा समय लगता है, तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा पड़ सकता है. वैश्विक ब्रोकिंग कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज (BofA Securities) के मुताबिक यदि टीका आने में लंबा समय लगा तो भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) वित्त वर्ष 2020-21 (FY 2020-21) में 7.5 फीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान है. हालांकि, परिस्थितियां यदि उम्मीद के मुताबिक रहती हैं, तो तब ब्रोकिंग कंपनी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में चार फीसदी गिरावट (Decline) का अनुमान लगाया गया है.

कंपनी के अर्थशास्त्रियों ने एक हफ्ते के भीतर ही देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि को लेकर अपने अनुमान को संशोधित किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आर्थिक गतिविधियों में आयी गिरावट के चलते यदि उम्मीद के अनुरूप स्थिति रहती है, तब भी अर्थव्यवस्था चार फीसदी सिकुड़ने का अनुमान है. हालांकि, इससे पहले कई विश्लेषकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष के दौरान पांच फीसदी तक गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीका खोजे जाने को लेकर वैश्विक और घरेलू दोनों जगहों पर कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन टीका तैयार होने को लेकर अभी तक किसी समयसीमा (Deadline) की घोषणा नहीं की गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global economy) को कोविड-19 के टीके का इंतजार एक साल तक करना पड़ता है, तो देश की वास्तविक जीडीपी 7.5 फीसदी तक गिर सकती है. विशेषज्ञों ने अनुमान जताया कि देश में आर्थिक हालात को बेहतर बनाने के लिए 2020-21 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नीतिगत दरों (Repo Rate) में दो फीसदी की और कटौती कर सकता है.

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Posted By : Vishwat Sen

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