कोरोना ने अरबपतियों की कमाई पर डाल दिया डाका, जानिए भारत में अब कितने बचे 100 करोड़ से अधिक कमाने वाले अमीर

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक की सकल कुल आय बताने वाले अमीरों की संख्या 2020-21 में 136 थी, जबकि 2019-20 में ऐसे लोगों की संख्या 141 और 2018-19 में 77 थी

By Prabhat Khabar Print Desk | August 10, 2021 10:45 PM

नई दिल्ली : कोरोना काल के दौरान भारत में अरबपतियों की कमाई पर खासा असर पड़ा है. केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर भरोसा करें, तो कोरोना काल में देश में अरबपतियों की संख्या में कमी आई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को बताया कि आयकर रिटर्न में घोषित आय के आधार पर भारत में अरबपतियों की संख्या 2019-20 में 141 से घटकर 2020-21 में 136 हो गई.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक की सकल कुल आय बताने वाले अमीरों की संख्या 2020-21 में 136 थी, जबकि 2019-20 में ऐसे लोगों की संख्या 141 और 2018-19 में 77 थी. वित्त मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विगत तीन मूल्यांकन वर्ष के दौरान आयकर विभाग में फाइल की गई आयकर रिटर्न में 100 करोड़ रुपये (एक अरब रुपये) से अधिक की आय प्रकट करने वाले व्यक्तियों की संख्या 2020-21 में 136 थी.

उनसे सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि लॉकडाउन के दौरान देश में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, प्रत्यक्ष कर के तहत खरबपति शब्द की कोई विधायी अथवा प्रशासनिक परिभाषा नहीं है. उन्होंने कहा कि संपत्ति कर को अप्रैल 2016 में समाप्त कर दिया गया है. इसलिए सीबीडीटी किसी व्यक्तिगत करदाताओं की पूरी संपत्ति के बारे में अब कोई सूचना नहीं रखता है.

Also Read: कोरोना महामारी के दौरान भारत में 40 उद्यमी बन गए अरबपति, जानिए अंबानी-अडाणी की कितनी बढ़ी संपत्ति

आधिकारिक गरीबी संख्या को साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा तेंडुलकर समिति पद्धति के बाद गरीबी अनुमानों के अनुसार 2011-12 में भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले व्यक्तियों की संख्या 27 करोड़ (21.9 फीसदी) थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास पर जोर देने के साथ विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लक्ष्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और अपेक्षाकृत अधिक तेज समावेशी विकास करना है.

Next Article

Exit mobile version