डाकघर में बिकने लगा गुलाबी खुशबू वाला बलिया का सत्तू, बाटी की है जान

Ballia Ka Sattu: डाकघर में अब बलिया का मशहूर सत्तू उपलब्ध है, जिसे बाटी-चोखा की जान कहा जाता है. 19 अगस्त बलिया बलिदान दिवस पर इसकी शुरुआत वाराणसी प्रधान डाकघर से हुई. "एक जिला, एक उत्पाद" योजना के तहत यह पहल उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर सत्तू उपलब्ध कराने और डाक विभाग को राजस्व बढ़ाने में मदद करेगी. गुलाब की खुशबू, केसर और चॉकलेट फ्लेवर वाले सत्तू के साथ यह पहल पूरे यूपी और देशभर तक विस्तार पाने जा रही है.

By KumarVishwat Sen | August 20, 2025 10:15 PM

Ballia Ka Sattu: बलिया का मशहूर सत्तू अब डाकघरों के जरिए आम जनता तक पहुंचने लगा है. डाक विभाग ने इसकी बिक्री की शुरुआत वाराणसी परिक्षेत्र के प्रधान डाकघर से की. 19 अगस्त को बलिया बलिदान दिवस के मौके पर इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया.

एक जिला-एक उत्पाद योजना से जुड़ा कदम

प्रधान डाकपाल कर्नल विनोद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने और एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत यह पहल की गई है. शुरुआत में वाराणसी सर्किल के 100 डाकघरों में सत्तू उपलब्ध कराया गया है.

किन जिलों में मिल रहा है बलिया का सत्तू

बलिया के अलावा यह सत्तू वाराणसी, चंदौली, मुगलसराय, जौनपुर, नौगढ़ और गाज़ीपुर जिलों के डाकघरों में बेचा जा रहा है. योजना सफल रहने पर इसे पूरे उत्तर प्रदेश और फिर देशभर के डाकघरों तक पहुंचाया जाएगा.

डाक विभाग को होगा फायदा, यूजर्स को उचित मूल्य

बलिया से सीधे डाकघरों तक पहुंचने वाला सत्तू उपभोक्ताओं को उचित दर पर मिलेगा. इससे न केवल आम जनता को स्थानीय उत्पाद तक आसानी से पहुंच मिलेगी, बल्कि भारतीय डाक विभाग को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा.

खुशबू और स्वाद में नए प्रयोग

डाकघरों में परंपरागत सत्तू के साथ-साथ गुलाब की खुशबू वाला, केसर के स्वाद वाला और चॉकलेट फ्लेवर का सत्तू भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इस तरह सत्तू को आधुनिक स्वाद और पैकेजिंग के साथ बाजार में उतारा गया है.

यूपी में प्रसिद्ध क्यों है बलिया का सत्तू

भुने हुए चने से तैयार किया जाने वाला सत्तू न केवल बलिया का लोकप्रिय व्यंजन है, बल्कि पौष्टिकता के कारण देशभर में पसंद किया जाता है. इसे पानी में घोलकर नमक, नींबू और पुदीना मिलाकर पिया जाता है. बाटी-चोखा में सत्तू को “बाटी की जान” कहा जाता है.

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देश-विदेश में लोकप्रियता

उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और विदेशों तक सत्तू की मांग है. इसे पारंपरिक और पौष्टिक नाश्ते के रूप में खाया और खिलाया जाता है. डाकघरों के माध्यम से इसकी उपलब्धता से बलिया का यह स्वाद अब और दूर तक पहुंचेगा.

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