Amul Milk Price Hike: अमूल दूध पीना हुआ महंगा, जानिए क्या है नया रेट और कब से लागू होगी नई कीमतें
देश के सबसे बड़े डेयरी ब्रांड अमूल ने सोमवार को दूध के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. ऐसे में अब अमूल दूध खरीदना महंगा हो जाएगा. अमूल ने पूरे भारत में दाम बढ़ाने का ऐलान किया है.
AMUL Increases Milk Price देश में पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को आज एक और झटका लगा है. दरअसल, देश के सबसे बड़े डेयरी ब्रांड अमूल ने सोमवार को दूध के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. ऐसे में अब अमूल दूध खरीदना महंगा हो जाएगा. अमूल ने पूरे भारत में दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. दूध की कीमतों में प्रति लीटर 2 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब 500 मिली के अमूल दूध के लिए लोगों को अधिक पैसे देने होंगे. अमूल गोल्ड 30, अमूल ताजा 24 और अमूल शक्ति 27 रुपये में मिलेगी.
नई कीमतें 1 मार्च से होंगी लागू
अमूल दूध की नई कीमतें 1 मार्च से लागू होंगी. गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने एक साल पूरा होने से पहले ही दूध की कीमतें बढ़ा दी हैं. इससे पहले जुलाई 2021 में दूध की कीमत बढ़ाई गई थी. कीमतों में बढ़ोतरी अमूल दूध के सभी ब्रांडों पर लागू होगी. इनमें टी-स्पेशल, सोना, ताजा, शक्ति के अलावा गाय और भैंस के दूध आदि शामिल हैं. करीब 7 महीने और 27 दिन के बाद कीमतें बढ़ाई गई है. कंपनी का कहना है कि उत्पादन लागत में इजाफा कीमतों में वृद्धि का कारण है.
AMUL increases the price of milk by Rs 2. The prices will come into effect from tomorrow (March 1, 2022) pic.twitter.com/R2IeDQFtOo
— ANI (@ANI) February 28, 2022
कीमतों में इजाफा पर कंपनी ने जानें क्या कहा….
अमूल ने इस बढ़ोतरी पर कहा कि 2 रुपये का इजाफा केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि है, जो औसत खाद्य महंगाई से बहुत कम है. कंपनी का कहा हे कि पिछले दो वर्ष में अमूल ने अपने फ्रेश दूध की श्रेणी की कीमतों में प्रति वर्ष 4 प्रतिशत का इजाफा किया है. जबकि, एनर्जी, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट और जानवरों के चारे की लागत में इजाफे के कारण दूध उत्पादन खर्च में इजाफा हुआ है. इससे संचालन की कुल लागत में बढ़ोतरी हुई है. इसी के मद्देनजर अमूल ने किसानों की दूध खरीद की कीमतों में 35 रुपये से 40 रुपये किलो फैट की वृद्धि की है, जो पिछले साल की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है. कंपनी का कहना है कि अमूल दूध की खरीद पर भुगतान किए गए हर रुपये में से लगभग 80 पैसे किसानों को लौटाए जाते हैं.