स्विट्जरलैंड ने भारत को किया आगाह, कहा – गोपनीयता भंग होने पर नहीं देंगे कालेधन से जुड़ी सूचनाएं

बर्न/नयी दिल्ली : स्विट्जरलैंड ने कहा है कि कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया, तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है. एक समझौते के तहत स्विट्जरलैंड अपने यहां के बैंकों में जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 27, 2017 11:53 AM

बर्न/नयी दिल्ली : स्विट्जरलैंड ने कहा है कि कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया, तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है. एक समझौते के तहत स्विट्जरलैंड अपने यहां के बैंकों में जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले साल से देने की स्वचालित व्यवस्था के लिए तैयार है. इस समझौते में भारत और अन्य देश शामिल हैं.

स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग (एसआईएफ) ने एक बयान में कहा कि घरेलू वित्तीय संस्थाएं पहली बार इस साल आंकड़े एकत्रित कर रही हैं. स्विट्जरलैंड के कर अधिकारी भागीदार देशों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान 2018 में करेंगे. एसआईएफ ने अपनी त्रैमासिक समाचार पत्रिका के ताजा अंक में लिखा है कि यह तय किया जायेगा कि सूचनाएं गलत हाथों में न पड़ें या उनका दुरुपयोग ना हो.

विभाग ने कहा कि स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है, जो संबंधित शर्तों को पूरा करते हैं. इस दृष्टि से इस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण बात है.

कालेधन के खतरों से निपटने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत स्विट्जरलैंड ने एक जनवरी 2017 से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है. इसके तहत सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान कुछ देशों के साथ अगले साल किया जासेगा, जिनमें भारत भी शामिल है.

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