बजट 2017 : रोजगार पैदा करना मोदी सरकार की अब भी बड़ी चुनौती

वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए अगामी बजट किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. उम्मीद है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली नोटबंदी की चोट झेल रहीअर्थव्यवस्था को वापस पटरी में लाने की कवायद शुरू करेंगे. देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार को लेकर है. 2014 लोकसभा चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा था. नरेंद्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 30, 2017 5:17 PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए अगामी बजट किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. उम्मीद है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली नोटबंदी की चोट झेल रहीअर्थव्यवस्था को वापस पटरी में लाने की कवायद शुरू करेंगे. देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार को लेकर है. 2014 लोकसभा चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा था.

नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के ढाई साल बाद भी रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. सरकारी आंकड़े देश के युवाओंकी दयनीय हालत को बयां करती है. लेबर ब्यूरो ऑफ इंडिया के अनुसार भारत के शहरी इलाकों में प्रति हजार व्यक्ति पर 115 पुरुष बेरोजगार हैं. वहीं, महिलाओं का प्रतिशत इससे भी ज्यादा है. प्रति हजार महिलाओं की आबादीपर 279 महिलाएं बेरोजगार हैं.

ग्रामीण इलाकों में हालांकि यह प्रतिशत कम है फिर भी रोजगार वृद्धि सरकार के लिए सबसे बड़ी सिरदर्द बनी हुई है. केंद्र सरकार ने युवाओं के रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए कई अभियान चलाये. इनमें स्किल इंडिया से लेकर स्टार्टअप, स्टैंड अप इंडिया जैसे अभियान शामिल हैं. सरकार के स्किल वउद्मिता मंत्रालय के अनुसार भारत में स्किल्ड लोगों की संख्या मात्र 2.3 प्रतिशत है. एशियाई देश दक्षिण कोरिया में 96 प्रतिशत लोग स्किल्ड हैं, वहीं यूनाटेड किंगडम में 75 प्रतिशत व जर्मनी में 52 प्रतिशत, जापान में 80 प्रतिशत लोग स्किल्ड हैं.
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