”अगले पांच साल में बंद हो जाएंगे 2000 के नये नोट”

नयी दिल्‍ली : 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद अब तक देश में कैश को लेकर स्थिति सामान्‍य नहीं हो पायी है. बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की कतारें अब भी कम नहीं हुई हैं. जहां एक और आम जनता कैश को लेकर परेशान हो रही है, वहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2016 6:23 PM

नयी दिल्‍ली : 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद अब तक देश में कैश को लेकर स्थिति सामान्‍य नहीं हो पायी है. बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की कतारें अब भी कम नहीं हुई हैं.

जहां एक और आम जनता कैश को लेकर परेशान हो रही है, वहीं आरबीआई का कहना है कि देशभर के बैंकों और एटीएम में प्रयाप्‍त नोट उपलब्‍ध हैं और तेजी के साथ नये नोटों की छपाई भी की जा रही है. इस समय देश के अधिकतर एटीएम में 2000 के नोट आसानी से नजर आ जाते हैं, लेकिन 500 के नोट अभी तक मांग के अनुसार उपलब्‍ध नहीं हो पाये हैं. कालाधन और भ्रष्‍टाचार पर काबु पाने के लिए सरकार अब नोटबंदी के बाद देश को कैशलेश व्‍यवस्‍था की ओर ले जाने की तैयारी में है.

इस बीच आपको परेशान करने वाली एक खबर सामने आयी है. खबर है अभी एटीएम और बैंकों में जो नोट आसानी से आपको मिल जा रहें, वो 2000 के नोट अगले पांच साल में बंद हो जाएंगे. ये हम नहीं बल्कि आरएसएस से जुडे आर्थिक विचारक एस गुरुमूर्ति का कहना है.

गुरुमूर्ति ने कहा, 2000 रुपये के नये नोट अगले पांच साल में बंद हो जाएंगे. उन्‍होंने कहा, सरकार ने नोटबंदी से हो रही परेशानी से निबटने के लिए 2000 के नये नोट प्रचलन में लायी थी, लेकिन अगले पांच साल में ये नोट भी बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में सबसे बड़ी करेंसी 500 के नोट रहेंगे.

* ‘वित्तीय पोखरण’ जैसा ही है नोटबंदी का फैसला : गुरुमूर्ति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक एस गुरुमूर्ति ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के कदम को ‘वित्तीय पोखरण’ जैसा करार दिया है और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में ऐसे बदलाव की उम्मीद है जो एक उदाहरण बनेगा. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से जमीन जायदाद की कीमतों में गिरावट की शुरुआत होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा.

नोटबंदी को ‘वित्तीय पोखरण’ बताते हुए गुरुमूर्ति ने कहा कि जब लोगों के पास अधिशेष पैसा होता है तो उनमें ऐसी वस्तुएं खरीदने की इच्छा जागती है जिनकी जरुरत नहीं होती और इस तरह से ‘गैर जिम्मेदाराना व ह्रदयविहीन खर्च’ को बढ़ावा मिलता है. नोटबंदी से बड़ा बदलाव आएगा.

उन्होंने कहा,‘ जिस तरह से पोखरण से सोच में बुनियादी बदलाव आया. कौन सोचता था कि अमेरिका, भारत के बारे में सोचेगा. अगर हमने परमाणु परीक्षण नहीं किया होता तो वे आपकी तरफ देखते ही नहीं …. ‘ गुरुमूर्ति ने कहा कि जिस तरह से पोखरण के बाद भारत में बुनियादी बदलाव आया और लोगों की उसके प्रति सोच बदली उसी तरह ‘वित्तीय पोखरण‘ से भी बुनियादी बदलाव आएगा लेकिन इसे समझने, गणना करने व लोगों को इसके बारे में समझाने के लिए बहुत अलग सोच समझा की जरुरत है.

उल्लेखनीय है कि भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किए थे और देश उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिनके पास परमाणु हथियारों की क्षमता है. वहीं नोटबंदी की घोषणा इस साल 8 नवंबर की रात को की गई जिसके तहत 1000 व 500 रुपये के तत्कालीन नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को ‘एतिहासिक प्रबंधकीय भूल’ बताया है. गुरुमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का यह कदम इसलिए उठाया है ताकि संप्रग सरकार द्वारा 2004 के बाद की गई ‘अर्थव्यवस्था की बड़ी प्रबंधकीय भूलों’ को दूर किया जा सके.

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