दिल्ली सरकार के स्टॉल पर 120 रुपये किलो मिल रहा है अरहर दाल

नयी दिल्ली : देशभर के खुदरा बाजारों के दालों की कीमत 200 रुपये प्रति किलो पर पहुंचने के बाद केंद्र सरकार ने चिंता व्‍यक्‍त करते हुए 3,000 टन अतिरिक्त दालों के आयात का फसला किया है. इसके साथ ही केंद्र ने राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है. कैबिनेट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2015 12:45 PM

नयी दिल्ली : देशभर के खुदरा बाजारों के दालों की कीमत 200 रुपये प्रति किलो पर पहुंचने के बाद केंद्र सरकार ने चिंता व्‍यक्‍त करते हुए 3,000 टन अतिरिक्त दालों के आयात का फसला किया है. इसके साथ ही केंद्र ने राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है. कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने उपभोक्ता मामलों, कृषि, वाणिज्य और अन्य मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक में दालों की कीमत, उत्पादन, खरीद और उपलब्धता की समीक्षा की. सभी राज्‍यों के मुख्य सचिवों के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्थिति की समीक्षा की गयी. इस बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कीमतों पर अंकुश के लिए आपूर्ति पक्ष के उपायों पर ध्यान दिये जाने की जरुरत बताई है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘यह फैसला किया गया है कि सरकार 2,000 टन अरहर दाल और 1,000 टन उड़द दाल का अतिरिक्‍त आयात करेगी. इसके लिए एमएमटीसी द्वारा जल्द निविदा निकाली जाएगी.’

पूर्व में 5000 टन अरहर दाल और 2000 टन किया गया आयात

सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी ने पहले ही 5,000 टन अरहर दाल का आयात किया है. इसके अलावा उसने 2,000 टन चने के आयात के लिए संशोधित निविदा भी निकाली है. समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकारों से दालों की जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए औचक निरीक्षण और छापेमारी करने को कहा है. सरकार के आपूर्ति बढाने और कीमतों पर लगाम लगाने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद दालों की कीमतों में वृद्धि जारी है. खुदरा बाजार में अरहर दाल की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गयी जिससे लोगों की समस्या बढ गयी है. एक साल पहले खुदरा बाजार में अरहर दाल का भाव 85 रुपये किलो था. कमजोर मानसून व बेमौसम बारिश की वजह से 2014-15 के फसल वर्ष में दलहन उत्पादन में 20 लाख टन की कमी आयी है जिससे इसकी कीमतों में जोरदार तेजी आई है. केंद्र ने दालों के आसमान छूते दामों पर अंकुश के लिए कई कदम उठाये हैं. इसके तहत 40,000 टन का बफर स्टाक बनाना और आयात के जरिये घरेलू आपूर्ति में सुधार जैसे कदम शामिल हैं. कारोबारियों व डिपार्टमेंटल स्टोरों के लिए दलहन स्टाक की सीमा भी लगाई गई है.

सरकार की ओर से खोले गये खुदरा आउटलेट्स

दिल्ली में केंद्र सरकार केंद्रीय भंडार के खुदरा आउटलेट्स और मदर डेयरी के सफल के जरिये आयातित अरहर दाल 120 रुपये किलो पर बेच रही है. पिछले चार दिन में 100 आउटलेट्स के जरिये 200 क्विंटल दाल बेची गयी है. कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया है कि दिल्ली में केंद्रीय भंडार और सफल के 400 आउटलेट्स के जरिये अरहर दाल की बिक्री तत्काल शुरू की जाए. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र द्वारा आवंटित अरहर दाल की बिक्री एक नवंबर से 91 सहकारिता आउटलेट्स के जरिये 110 रुपये प्रति किलो के भाव पर करने का फैसला किया है. इस बीच, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकडों के अनुसार तुअर (अरहर) का खुदरा मूल्य आज 200 रुपये किलो तक पहुंच गया जबकि पिछले साल इसी महीने में 85 रुपये किलो था.

पिछले साल 85 रुपये और इस साल 200 रुपये प्रति किलो

आंकडों के अनुसार पिछले पांच साल में खुदरा बाजार में अरहर दाल की कीमत 74 से 85 रुपये के आसपास बनी हुई थी. वहीं इस साल अक्‍टूबर में अरहर दालों की कीमत 200 रुपये प्रति किलो के आसपास बनी हुई है. हालांकि उडद दाल की कीमत में एक सप्ताह के अंदर नरमी आयी है और यह पिछले सप्ताह के 187 रुपये किलो के भाव के मुकाबले घट कर 170 रुपये किलो पर आ गयी है. पर पिछले साल के मुकाबले यह कीमत भी करीब दो गुना है. पिछले साल इसी महीने दाल उडद 98 रुपये किलो चल रही थी. सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढाने तथा कीमतों को काबू में करने के लिये आयात और जमाखोरी पर लगाम लगाने समते कई उपाय किये हैं. लेकिन दोनों दालों की कीमत ऊंची बनी हुई है. जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिये सरकार ने कल बिग बाजार जैसी बडी दुकानों, लाइसेंस प्राप्त खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं, आयातक तथा निर्यातकों के उपर भंडार सीमा लगा दी. व्यापारियों पर भंडार सीमा पहले से लागू है.

Next Article

Exit mobile version