केंद्र ने राज्यों से कहा, जमाखोरों के खिलाफ सख्ती बरतें, अनाज की आपूर्ति बढाएं

नयी दिल्ली : दलहन और अन्य जिंसों की बढती कीमत से चिंतित केंद्र ने आज राज्य सरकारों से कहा कि वे जमाखोरों के साथ सख्ती बरतें और उन संवेदनशील इलाकों में आपूर्ति बढाएं जहां अक्सर कमी होती है. राज्यों से कहा गया कि वे भंडारण क्षमता बढाने के अलावा मुख्य जिंसों के वितरण के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 7, 2015 7:47 PM

नयी दिल्ली : दलहन और अन्य जिंसों की बढती कीमत से चिंतित केंद्र ने आज राज्य सरकारों से कहा कि वे जमाखोरों के साथ सख्ती बरतें और उन संवेदनशील इलाकों में आपूर्ति बढाएं जहां अक्सर कमी होती है. राज्यों से कहा गया कि वे भंडारण क्षमता बढाने के अलावा मुख्य जिंसों के वितरण के लिए नागरिक आपूर्ति निगमों और सहकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करें.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून पर केंद्र ने चेतावनी दी कि सितंबर तक योजनाएं लागू करने में असफल रहने की स्थिति में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन की दुकानों के लिए अतिरिक्त अनाज का आवंटन बंद कर दिया जाएगा. राज्यों के मंत्रियों को संबोधित करते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा ‘हम कीमत में हद से ज्यादा बढोतरी की अनुमति नहीं देंगे.

राज्य सरकारों को जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त पहल करनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘दलहन और प्याज को छोडकर अन्य जिंसों की कीमत में बढोतरी नहीं हुई है. चिंता की कोई जरुरत नहीं है. घरेलू मांग पूरी करने के लिए अनाज का पर्याप्त भंडार है.’ मूल्यवृद्धि के लिए जमाखोरी को प्रमुख कारक बताते हुए मंत्री ने सुझाव दिया कि राज्यों को विशेषतौर पर जुलाई-नवंबर के कारोबार के लिहाज से ठंडे दौर में कीमत में बढोतरी रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाना चाहिए.

पासवान ने कहा कि जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले मांग-आपूर्ति के अंतर को देखते हुए आमतौर पर इस दौर का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो जाते हैं. पासवान ने कहा कि केंद्र ने हाल ही में दलहन और प्याज में मूल्यवृद्धि पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं. राज्य सरकारों को इससे निपटने के लिए राज्य स्तरीय कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए. इस बैठक में राज्य सरकारों से कहा गया कि वे ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें जहां प्रमुख आवश्यक वस्तुओं की अक्सर कमी होती है.

उनसे यह भी कहा गया कि मौजूदा भंडारण क्षमता को बढावा दिया जाए और उपलब्धता तथा आवश्यक खाद्य उत्पादों की कीमत की कडी निगरानी हो. दालों के खुदरा दाम पिछले एक साल में 60 प्रतिशत से अधिक बढ गये हैं. ऐसा 2014-15 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में घरेलू उत्पादन में 20 लाख टन की कीमत के कारण हुआ. उडद, तुअर और मूंग की दाल की कीमत 100 रुपये प्रति किलो के स्तर को पार कर गई है. इसी तरह कम आपूर्ति के कारण प्याज की कीमत बढ गई.

घरेलू आपूर्ति बढाने के लिए सरकार ने 5,000 टन तुअर दाल के आयात की निविदा जारी की है. साथ ही 5,000 टन उडद के आयात पर विचार कर रही है. सरकार ने काबुली चना को छोडकर अन्य दालों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और तय सीमा से अधिक दालों के भंडारण के संबंध में व्यापारियों के लिए भंडारण सीमा तय कर दी है. सरकार ने प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए भंडारण सीमा संबंधी आदेश की अवधि बढा दी है और निर्यात मूल्य बढाकर 425 डालर प्रति टन कर दिया है.

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