बोले जेटली, भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि की राह पर

वाशिंगटन : भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रुप से वृद्धि की राह पर है. पहली तीन तिमाहियों में इसने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है और नयी सरकार कुल वृहद आर्थिक परिस्थितियों को स्थिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही है. जेटली ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2015 1:01 PM

वाशिंगटन : भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रुप से वृद्धि की राह पर है. पहली तीन तिमाहियों में इसने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है और नयी सरकार कुल वृहद आर्थिक परिस्थितियों को स्थिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही है.

जेटली ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति के समक्ष अपने संबोधन में कहा, हम कुल वृहद आर्थिक परिस्थितियों को टिकाउ आधार पर कायम रखने को प्रतिबद्ध हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सके. जेटली ने कहा, निश्चित रुप से भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. पहली तीन तिमाहियों (अप्रैल-दिसंबर) 2014-15 में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7 प्रतिशत रही थी.

अग्रिम अनुमानों में भी कहा गया है कि 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि हालिया नीतिगत पहल से मध्यम अवधि में वृद्धि की संभावनाएं भी सुधरी हैं. कोयला ब्लाकों की नीलामी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि, बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश आदि पहल से निवेश का माहौल सुधारने में मदद मिली है.

जेटली ने कहा कि 2010-13 के दौरान मुद्रास्फीति, भारत के लिए बड़ी चिंता थी. इसमें अब उल्लेखनीय रुप से गिरावट आ चुकी है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत राजकोषीय मजबूती की राह पर अग्रसर है. उन्‍होंने कहा कि देश का सकल राजकोषीय घाटा (जीएफडी) 2011-12 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.7 प्रतिशत था, जो 2014-15 में घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ गया. 2015-16 में इसे 3.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा गया है.

देश का चालू खाते का घाटा (कैड) 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत था, जो 2013-14 में घटकर 1.7 प्रतिशत पर आ गया. 2014-15 में इसके घटकर 1.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. उन्‍होंने कहा कि घरेलू वृहद आर्थिक स्थिति में सुधार की वजह से देश को हाल के समय में बडा पोर्टफोलियो प्रवाह मिला है, जो कैड से अधिक है. जेटली ने कहा कि इस वजह से रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार बढाने में सफल रहा है जो 3 अप्रैल, 2015 तक 343 अरब डालर पर पहुंच गया.

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत वित्तीय समावेश पर विशेष जोर दे रहा है. जेटली ने बताया कि आठ माह की छोटी सी अवधि में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत रिकार्ड संख्या में 14.7 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं. उन्होंने कहा कि इससे लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में मदद मिलेगी.

Next Article

Exit mobile version