घरेलू और विदेशी निवेशक भारत में निवेश के लिए बेकरार : चंदा कोचर

दावोस : आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने आज यहां कहा कि कारोबारी माहौल में सुधार लाने और विकास के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर कदम उठाए जाने से भारत के प्रति निवेशकों की धारणा में भारी बदलाव आया है और जल्द ही निवेश प्रवाह में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2015 5:31 PM

दावोस : आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने आज यहां कहा कि कारोबारी माहौल में सुधार लाने और विकास के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर कदम उठाए जाने से भारत के प्रति निवेशकों की धारणा में भारी बदलाव आया है और जल्द ही निवेश प्रवाह में तेजी दिखने लगेगी.

उन्होंने कहा, ‘भारत को लेकर निवेशकों की धारणा में जबर्दस्त बदलाव आया है. भारत में हमेशा से ही संभावनाएं रही हैं. देश के नये नेतृत्व ने निवेशकों में यह भरोसा जगाया है कि हम इन संभावनाओं का दोहन करने के लिए काम करेंगे.’ यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में शामिल होने आईं कोचर ने कहा कि भारत में आर्थिक वृद्धि को लेकर विश्वास इस साल बढा है और जल्द ही इसके परिणाम दिखने शुरू हो जाएंगे. कोचर ने कहा, ‘भारत एक बडी खपत वाला बाजार है और यह और बडा होने जा रहा है जिससे यह विदेशी कंपनियों के लिए एक आकर्षक स्थल होगा.’

उन्होंने कहा कि देश अब ढांचागत विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है. महज बिजली और सडक ही नहीं, बल्कि शहरी विकास, जल, साफ-सफाई, स्मार्ट शहर, रेलवे, रेल व बंदरगाह संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों के लिए भारी अवसर हो सकते हैं.’ कोचर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि दीर्घकाल में आर्थिक वृद्धि के लिहाज से भारत की स्थिति काफी मजबूत है और विदेशी निवेशक इसका हिस्सा बनने को बेताब हैं.’

कोचर ने कहा, ‘नयी सरकार आने के साथ ही विदेशी निवेशकों की भारत में दिलचस्पी फिर से बढ गई है. हमारा विश्वास है कि अगले एक दशक में घरेलू खपत व निवेश में जबर्दस्त वृद्धि के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढेगी. जैसा कि मैंने जिक्र किया है, मुझे लगता है कि हर कोई चाहे वह घरेलू निवेशक हो या विदेशी निवेशक, इस वृद्धि का हिस्सा बनना चाहता है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या बैंकिंग क्षेत्र और उसके कारपोरेट ग्राहक नयी सरकार के निष्पादन से संतुष्ट है,

उन्होंने कहा, ‘सात महीने का समय एक अल्पकाल है. लेकिन मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और उनकी सरकार ने विकास अनुकूल नीतियों, प्रशासनिक क्षमता और कारोबार करना आसान बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी है जो आने वाले समय में रंग लाएगा.’ कोचर ने कहा कि सरकार ने विदेशी पूंजी की महत्ता और प्रौद्योगिकी लाने में इसकी भूमिका पहचानी है.

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