पीयूष गोयल ने कहा, भारत में 1 अरब डॉलर निवेश कर कोई एहसान नहीं कर रही अमेजन

नयी दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अमेजन भारत में निवेश करके कोई उसका एहसान नहीं कर रही. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऑनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी अगर दूसरों का बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य नीति पर नहीं चल रही है, तो उसे इतना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2020 8:56 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अमेजन भारत में निवेश करके कोई उसका एहसान नहीं कर रही. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऑनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी अगर दूसरों का बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य नीति पर नहीं चल रही है, तो उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है. दुनिया के सबसे बड़े धनाढ्य व्यक्ति जेफ बेजोस के भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के एक दिन बाद गोयल ने यह बात कही है.

उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा. उन्हें कानून में छेद ढूंढकर पिछले दरवाजे से भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. बेजोस भारत में आये हैं. वाणिज्य मंत्री ने बेजोस को मिलने का समय नहीं दिया है.

दरअसल, भारत बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 49 फीसदी से अधिक निवेश की अनुमति नहीं देता. सरकार ने इस क्षेत्र में अभी किसी भी विदेशी खुदरा कंपनी को कारोबार की अनुमति नहीं दी है. दिल्ली में चल रहे वैश्विक संवाद सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ में उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि अमेजन एक अरब डॉलर निवेश कर सकती है, लेकिन अगर उन्हें अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है, तो वे उस अरब डॉलर का इंतजाम भी कर रहे होंगे. इसीलिए ऐसा नहीं है कि वे एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहे हैं.

अमेजन डॉट कॉम ने लघु एवं मझोले उद्यमों को ऑनलाइन मदद के लिए एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है. मंत्री ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर ई-कॉमर्स कंपनियां जो खरीदारों और विक्रेताओं को आईटी मंच उपलब्ध करा रही हैं, उन्हें बड़ा नुकसान कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि इस पर गौर करने की जरूरत है.

गोयल ने कहा कि वे पिछले कुछ साल से गोदामों और अन्य गतिविधियों में पैसा लगा रहे हैं. यह स्वागत योग्य और अच्छा है, लेकिन सवाल है कि क्या वे घाटे के वित्त पोषण के लिए धन लगा रहे हैं और वह नुकसान ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस मॉडल को हो रहा है? उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष बाजार मॉडल में कारोबार 10 अरब डॉलर का है और अगर कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है, निश्चित रूप से यह सवाल पैदा करता है कि नुकसान कहां से आता है.

गोयल ने यह भी कहा कि जब ऑनलाइन कंपनी अगर बाजार खराब करने वाली कीमत पर सामान उपलब्ध नहीं करा रही है, तब उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये सवाल हैं, जिसके उत्तर की जरूरत है. मुझे भरोसा है कि जो प्राधिकरण इसे देख रहा है, वे उसका जवाब लेंगे और मुझे विश्वास है कि ई-कॉमर्स कंपनियों भी अपना पक्ष रखेंगी.

गौरतलब है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों में फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिये. यह आदेश बड़ी छूट समेत तरजीही विक्रेताओं के साथ गठजोड़ समेत गड़बड़ियों की जांच के लिए दिया गया. गोयल ने कहा कि भारत ई-कॉमर्स बाजार में विदेशी निवेश की अनुमति देता है.

गोयल ने कहा कि इस मॉडल में खरीदार और विक्रेता व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ये ई-कॉमर्स कंपनियां अपना सामान भंडार में नहीं रख सकती हैं या वे कीमतें तय नहीं कर सकतीं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब तक इन नियमों का अनुपालन होता है, हम भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों का स्वागत करते हैं.

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