FSSAI ने पैकेज्ड दुग्ध उत्पादों से जीएसटी हटाने की वकालत की

नयी दिल्ली : खाद्य नियामक एफएसएसएआई पैकेज्ड दुग्ध उत्पादों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) हटाने के लिए जीएसटी परिषद को पत्र लिखेगा, ताकि ऐसे उत्पादों की बिक्री को बढ़ाया जा सके. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि हाल में खुदरा बाजारों में बिकने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 26, 2019 9:45 PM

नयी दिल्ली : खाद्य नियामक एफएसएसएआई पैकेज्ड दुग्ध उत्पादों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) हटाने के लिए जीएसटी परिषद को पत्र लिखेगा, ताकि ऐसे उत्पादों की बिक्री को बढ़ाया जा सके. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि हाल में खुदरा बाजारों में बिकने वाले दुग्ध उत्पादों के नमूनों का परीक्षण किया गया था. इसमें गुणवत्ता और स्वच्छता से जुड़ी कमियां पायी गयी थीं, जिसके बाद से पैकेट बंद दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में दुग्ध उत्पादों पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है.

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर दूध एवं उससे बने उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक कार्ययोजना पेश करते हुए अग्रवाल ने कहा कि एफएसएसएआई ने निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्यों को परीक्षण से जुड़े उपकरण दिये हैं. खाद्य नियामक ने देशभर के 25 लाख विक्रेताओं में से एक लाख दूध विक्रेताओं को सत्यापित करने के लिए एक योजना शुरू करने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत दुग्ध विक्रेताओं का पंजीकरण पहले से अनिवार्य है, लेकिन करीब पांच फीसदी विक्रेताओं ने इसका अनुपालन किया है. अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि दूध एवं दुग्ध उत्पाद सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है. गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधी कमियों से निपटने के लिए हमने व्यापक कार्य योजना तैयार की है. हमने शुरुआत में एक लाख विक्रेताओं का सत्यापित करने का लक्ष्य रखा है. सत्यापित दुग्ध विक्रेता योजना के तहत दूध विक्रेता खुद से पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और उन्हें फोटो-पहचान पत्र और लैक्टोमीटर दिया जायेगा.

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