मोदी सरकार का तोहफा : Railway के गार्ड, लोको पायलट आैर सहायक लोको पायलट का Running allowance हुआ दोगुना

नयी दिल्ली : रेलवे ने कर्मचारी संगठनों की बेहद पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए गार्ड, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को मिल रहे रनिंग भत्ते को दोगुने से अधिक करने का फैसला किया है. एक सूत्र ने गुरुवार को बताया कि इससे सालाना भत्ते पर 1,225 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा तथा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2019 10:05 PM

नयी दिल्ली : रेलवे ने कर्मचारी संगठनों की बेहद पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए गार्ड, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को मिल रहे रनिंग भत्ते को दोगुने से अधिक करने का फैसला किया है. एक सूत्र ने गुरुवार को बताया कि इससे सालाना भत्ते पर 1,225 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा तथा परिचालन अनुपात 2.50 फीसदी बढ़ जायेगा. नवंबर, 2018 में भारतीय रेल का परिचालन अनुपात सर्वाधिक 117.05 फीसदी पर पहुंच गया.

इसका मतलब यह है कि भारतीय रेल को प्रति सौ रुपये कमाने के लिए 117.05 रुपये खर्च करने पड़े. यह उसकी वित्तीय स्थिति का संकेतक माना जा सकता है. रेल परिचालन में मदद करने वाले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट तथा गार्ड को रेलवे का ‘रनिंग स्टॉफ’ कहा जाता है. अभी तक इन्हें प्रति सौ किलोमीटर चलने पर करीब 255 रुपये की दर से ‘रनिंग भत्ता’ दिया जाता है. इसे अब बढ़ाकर करीब 520 रुपये कर दिया गया है.

सूत्र ने कहा कि इस वृद्धि से भत्तों का खर्च अभी के करीब 1,150 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 2,375 करोड़ रुपये पर पहुंच जायेगा. संशोधित दरों को अब मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जायेगा. सूत्र ने कहा कि रनिंग कर्मचारी पिछले चार साल से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इससे पहले अन्य कर्मचारियों का भत्ता एक जुलाई 2017 को ही बढ़ा दिया गया था, लेकिन रनिंग कर्मचारियों की मांग लंबित थी. यह रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों को दिया गया नये साल का तोहफा है. हालांकि, यह रेलवे के लिए बड़ा बोझ होगा, क्योंकि इससे परिचालन लागत करीब 2.50 फीसदी बढ़ जायेगी.

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