DBS Report : चालू वित्त वर्ष में 15 फीसदी के ऊपर पहुंचा भारत का राजकोषीय घाटा

सिंगापुर : चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले आठ महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा उसके पूरे साल के तय लक्ष्य से 15 फीसदी ऊपर निकल गया. डीबीएस बैंकिंग समूह ने गुरुवार को अपनी आर्थिक टिप्पणी में इसकी वजह बताते हुए कहा कि साल की शुरुआत में व्यय बढ़ाने से नहीं, बल्कि राजस्व में कमी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 10, 2019 6:42 PM

सिंगापुर : चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले आठ महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा उसके पूरे साल के तय लक्ष्य से 15 फीसदी ऊपर निकल गया. डीबीएस बैंकिंग समूह ने गुरुवार को अपनी आर्थिक टिप्पणी में इसकी वजह बताते हुए कहा कि साल की शुरुआत में व्यय बढ़ाने से नहीं, बल्कि राजस्व में कमी के कारण राजकोषीय घाटा बढ़ा है. डीबीएस ग्रुप रिसर्च की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट में तय लक्ष्य से काफी नीचे रहा है. इसके अलावा, विनिवेश से प्राप्ति भी कमजोर रही है, जो चिंता का विषय है.

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टिप्पणी में कहा गया है कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह तय लक्ष्य के आधे तक पहुंचा है. इस तरह के राजस्व सामान्य तौर पर वित्त वर्ष के अंत में सुधरते हैं. हालांकि, बाजार को अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार की कम ही उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि सरकार के जीएसटी राजस्व की मौजूदा दर को देखा जाये, तो यह सालाना बजटीय लक्ष्य से 70,000 से 80,000 करोड़ रुपये कम बना हुआ है. इसके अलावा विनिवेश लक्ष्य भी काफी पीछे चल रहा है. विनिवेश से प्राप्ति 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 20 फीसदी तक ही हुई है.

डीबीएस का कहना है कि रिजर्व बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से अतिरिक्त लाभांश मिल सकता है. ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय बैंक 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये स्थानांतरित कर सकता है. यह उन 40,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा, जिसका आश्वासन केंद्रीय बैंक ने अगस्त, 2018 में दिया था. इसके साथ ही, डीबीएस ग्रुप ने कहा कि राजकोषीय घाटे के वर्तमान में लक्ष्य के काफी ऊपर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष में इसके तय लक्ष्य से ज्यादा दूर रहने की उम्मीद नहीं लगती है.

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