स्टरलाइट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन मामला : सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हार्इकोर्ट के आदेश पर स्टे देने से किया इनकार

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इस साल के मर्इ महीने में तमिलनाडु के तूतीकोरन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को राज्य सरकार की आेर से सील करने के आदेश देने के बाद किये गये विरोध-प्रदर्शनों की जांच को लेकर मद्रास हार्इकोर्ट की आेर से दिये गये आदेश पर स्थगन आदेश देने से इनकार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 7, 2018 1:37 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इस साल के मर्इ महीने में तमिलनाडु के तूतीकोरन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को राज्य सरकार की आेर से सील करने के आदेश देने के बाद किये गये विरोध-प्रदर्शनों की जांच को लेकर मद्रास हार्इकोर्ट की आेर से दिये गये आदेश पर स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया है. इस साल की मर्इ महीने में तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरन स्थित वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइअ को बंद करने का आदेश दे दिया था. सरकार के इस आदेश के बाद ही कंपनी के कर्मचारियों की आेर से उग्र विरोध-प्रदर्शन किया गया.

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इस मामले में शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने हार्इकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हार्इकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया, तो पीठ ने कहा कि हमें दूसरा पक्ष भी देखना होगा.

गौरतलब है कि तूतीकोरिन में 22 मई, 2018 को स्टरलाइट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की जाने चली गयी थीं. मद्रास हार्इकोर्ट ने उस मामले में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों समेत पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.

तमिलनाडु सरकार ने तूतिकोरिन स्थित वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को सील करने का आदेश मर्इ, 2018 में दिया था. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने चार लाख टन तांबे का उत्पादन करने वाली कंपनी की तूतीकोरन इकाई को बंद कर दिया गया.

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