अल्ट्राटेक सीमेंट के बाद 1000 अरब रुपये के क्लब में शामिल हो गयी महिंद्रा एंड महिंद्रा

नयी दिल्ली : अभी पिछले हफ्ते ही स्टॉक मार्केट में टाटा समूह की अनुषंगी कंपनी टीसीएस का रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़कर सबसे मूल्यवान कंपनी बनने के बाद मंगलवार को वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा और महिंद्रा ने भी बाजार पूंजीकरण के मामले में खुद को 1000 अरब रुपये के क्लब में शामिल करने में सफलता हासिल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 17, 2018 3:56 PM

नयी दिल्ली : अभी पिछले हफ्ते ही स्टॉक मार्केट में टाटा समूह की अनुषंगी कंपनी टीसीएस का रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़कर सबसे मूल्यवान कंपनी बनने के बाद मंगलवार को वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा और महिंद्रा ने भी बाजार पूंजीकरण के मामले में खुद को 1000 अरब रुपये के क्लब में शामिल करने में सफलता हासिल की है. मंगलवार को महिंद्रा एंड महिंद्रा का बाजार पूंजीकरण एक हजार अरब रुपये के आंकड़े को पार कर गया. इससे पहले अल्ट्राटेक सीमेंट , पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और इंडसइंड बैंक का बाजार पूंजीकरण एक हजार अरब रुपये के क्लब में शामिल हो चुका है.

इसे भी पढ़ें : Reliance इंडस्ट्रीज को पछाड़ कर स्टाॅक मार्केट में सबसे मूल्यवान कंपनी बनी टीसीएस

बंबई शेयर बाजार पर उसके शेयर की कीमत 52 हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद वह इस प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया. कंपनी का शेयर मंगलवार को तेजी के रुख के साथ 815 रुपये पर खुला. बाद में यह 819.10 रुपये तक पहुंच गया, जो इसका ऑलटाइम हाई का स्तर है. इसका यह स्तर सोमवार के बंद की कीमत से 2.23 फीसदी अधिक बतायी जा रही है.

इस आधार पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,01,829.91 करोड़ रुपये हो गया, जो सोमवार को बाजार बंद होने के समय रहे 99,604.59 करोड़ रुपये के स्तर से 2,225.32 करोड़ रुपये अधिक है. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर भी कंपनी का शेयर 816 रुपये पर खुला और सुबह के कारोबार में 2.16 फीसदी चढ़कर 818.80 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गया. कंपनी का यह स्तर भी उसका पिछले 52 हफ्तों का उच्च स्तर है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते के गुरुवार यानी 12 अप्रैल को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) को एक बार फिर पछाड़कर देश की सबसे मूल्यवान कंपनी होने का रुतबा हासिल किया था. इससे पहले इसी साल की जनवरी में कंपनी ने बाजार पूंजीकरण के मामले में छह लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर आरआईएल को पछाड़ा था.

Next Article

Exit mobile version