VIRAL : RBI ने सीज किये PNB के सारे खाते, नहीं निकाल सकते 3000 से ज्यादा…!

देश के सबसे बड़े बैकिंग घोटाले ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. जब से यह घोटाला प्रकाश में आया है, हर ओर बस इसकी ही चर्चा है. कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत और बैंकिंग सिस्टम की लापरवाही कीवजह से देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक,पंजाब नैशनल बैंक को 11400 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2018 4:25 PM

देश के सबसे बड़े बैकिंग घोटाले ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. जब से यह घोटाला प्रकाश में आया है, हर ओर बस इसकी ही चर्चा है. कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत और बैंकिंग सिस्टम की लापरवाही कीवजह से देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक,पंजाब नैशनल बैंक को 11400 करोड़ रुपये की चोट लगी है.

पीएनबी में हुए इस घोटाले को लेकर सोशल मीडिया में भी अफवाहों को बाजार गर्म हो गया है. सोशल मीडिया पर एक मैसेज बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. मैसेज पंजाब नैशनल बैंक के खाताधारकों के लिए है. इस मैसेज के मुताबिक, पीएनबी के ग्राहक अपने अकाउंट से 3000 रुपये से ज्यादा कैश नहीं निकाल सकते हैं.

मैसेज में कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पीएनबी के सभी बैंक अकाउंट्स को सीज कर दिये है. मैसेज के मुताबिक आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से पीएनबी के सारे बैंक खातों को सीज कर दिया है और खाताधारक अपने अकाउंट से 3000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पायेंगे.

बात केवल नकद की होती तो ठीक भी था, लेकिन इस मैसेज ने पीएनबी के चेक को भी निशाने पर ले लिया. मैसेज में यह भी कहा जा रहा है कि लोग पीएनबी के चेक स्वीकार न करें. इस वायरल मैसेज को लेकर लोग काफी परेशान हो रहे हैं.

यहां यह जानना गौरतलब है कि देश भर में पीएनबी के लगभग 10 करोड़ खाताधारक हैं. ऐसे में यह संदेश जाहिर तौर पर परेशान करने वाला है.

सच यह है कि यह मैसेज पूरी तरह से झूठ है. आरबीआई ने इस तरह का कोई भी एक्शन नहीं लिया है. पीएनबी के किसी भी एकाउंट को सीज नहीं किया गया है.

वहीं, कैश निकासी को लेकर भी कोई पाबंदी नहीं लगायी गयी है. इस झूठे वायरल मैसेज पर बिल्कुल भरोसा न करें. पीएनबी खाताधारक पहले की तरह ही अपने अकाउंट से कैश निकाल सकते हैं.

इधर वस्तुस्थिति यह है कि ईडी और सीबीआर्इ की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच पीएनबी घोटाले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में एसआइटी जांच की मांग करते हुए शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की गयी है.

याचिकाकर्ता ने कहा है किपूरेमामले की शुरुआत 2013 में हुई थी और धोखाधड़ी की शुरुआत 2011-12 में हुई थी. हमने सीबीआइ, सेबी, ईओडब्‍ल्‍यू, ईडी को सूचित किया था. अगर समय रहते सचेत जाते तो वह बच कर भाग नहीं पाता.

Next Article

Exit mobile version