ज्वेलरी खरीदने से पहले जानें जीएसटी की क्‍या है दरें

एक जुलाई से देश में नयी कर प्रणाली वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू हो गया है, लेकिन अभी तक आमलोग इससे पूरी तरह वाकिफ नहीं हो पाये हैं. सोना भी अब जीएसटी के दायरे में आ गया है, लेकिन सोने पर दो तरह का जीएसटी लागू हो गया है. सोने पर तीन फीसदी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 24, 2017 2:56 PM
एक जुलाई से देश में नयी कर प्रणाली वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू हो गया है, लेकिन अभी तक आमलोग इससे पूरी तरह वाकिफ नहीं हो पाये हैं. सोना भी अब जीएसटी के दायरे में आ गया है, लेकिन सोने पर दो तरह का जीएसटी लागू हो गया है. सोने पर तीन फीसदी जीएसटी और गहने के मेकिंग चार्ज पर पांच फीसदी जीएसटी लगाया गया है.
वहीं पुराने गहने को बेचने को लेकर भी फैसला बदल दिया गया है. इसे लेकर ज्वेलर्स और ग्राहकों के बीच भ्रम पैदा हो गया था. सोने के पुराने गहनों के महत्व को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ किया कि ज्वेलरी कारोबारियों को ग्राहकों से पुरानी गहने के लिए कोई टैक्स नहीं वसूलना होगा क्योंकि यह ट्रांजेक्शन जीएसटी से बाहर है. इससे पूर्व राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा था कि पुरानी ज्वेलरी खरीदने पर ज्वेलर्स को तीन फीसदी देना होगा.
सोने से बने गहनों की ललक आम से लेकर खास लोगों के बीच है, इसलिए सबसे ज्यादा मांग सोने से बने गहनों की है. केंद्र सरकार ने अब सोने के गहने पर तीन फीसदी जीएसटी की दर तय कर दी है. अगर आप सोने के गहने खरीदते हैं तो आपको तीन फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. नये प्रावधान के अनुसार अगर कोई ज्वेलर बिना जीएसटी के सोने के गहने बेचता है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.
वहीं सोने के गहने के मेकिंग चार्ज पर पांच फीसदी जीएसटी की दर तय की गयी है इसलिए सोने के गहने खरीदते वक्त ये ध्यान रखें कि सोने के गहने पर अलग-अलग जीएसटी का बिल आपको मिले. अगर ज्वेलर्स ऐसा नहीं करते हैं तो आप इसकी शिकायत वाणिज्य कर विभाग में दर्ज करा सकते हैं. इससे पूर्व सोने के गहने पर मेकिंग चार्ज का प्रावधान नहीं था.
इतना ही नहीं अगर आप पुराने सोने के गहने को किसी ज्वेलर्स को बेच रहे हैं कि आपको किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होगा. वैसे सोने के बिस्किट की मांग कम है.
सोने में निवेश में रुचि रखने वाले ही सोने के बिस्किट खरीदते हैं. सोने के बिस्किट पर भी तीन फीसदी ही जीएसटी की दर तय की गयी है. बिहार चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जीएसटी कमिटी के सदस्य सुनील सर्राफ ने बताया कि सोने के गहने पर जितना जीएसटी लगाया गया है उतना ही जीएसटी सोने के बिस्किट पर लगाया गया है. जीएसटी लागू होने से पहले इस पर सरकार स्पष्ट नहीं थी. लेकिन लागू होने के बाद स्पष्ट हो गया कि इस पर भी तीन फीसदी ही जीएसटी लगेगा.
गलत हैं कुछ ज्वेलर्स
शहर के कुछ ज्वेलर्स सोने के गहने मेकिंग पर पांच फीसदी के बदले तीन फीसदी जीएसटी वसूल ले रहे हैं. वह कानून गलत है. ऐसा करने वाले ज्वेलर्स को रिटर्न प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ग्राहकों को गहने खरीदने के बाद पक्का बिल जरूर लें. क्योंकि गहने बेचने या बदलने के वक्त काम आयेगा. इसलिए हर हाल में पक्का बिल लें. किसी लालच में नहीं आये.
भरत महेता, महासचिव, पाटलिपुत्र सर्राफा संघ

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