मर्इ में सेवा क्षेत्र की वृद्घि ने तोड़ा रिकाॅर्ड, चार महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर

नयी दिल्ली: देश में मई महीने के दौरान सेवा क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि दर सबसे अधिक रही है. एक मासिक सर्वे के अनुसार, कंपनियों को अधिक ऑर्डरों की वजह से उन्हें अधिक लोगों को नौकरी पर रखना पड़ा है. मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र के उत्पादन की निगरानी करने वाला निक्की इंडिया का सेवाआें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 5, 2017 12:07 PM

नयी दिल्ली: देश में मई महीने के दौरान सेवा क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि दर सबसे अधिक रही है. एक मासिक सर्वे के अनुसार, कंपनियों को अधिक ऑर्डरों की वजह से उन्हें अधिक लोगों को नौकरी पर रखना पड़ा है. मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र के उत्पादन की निगरानी करने वाला निक्की इंडिया का सेवाआें का खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) मई में बढ़कर 52.2 पर पहुंच गया. अप्रैल में यह 50.2 पर था. लगातार चौथे महीने सेवा पीएमआई महत्वपूर्ण 50.0 के स्तर से उपर रहा है जो वृद्धि का सूचक है.

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आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पोलिएन्ना डे लीमा ने कहा कि पहली तिमाही के मध्य में सेवा क्षेत्र की वृद्धि में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि जून भी यदि यही रफ्तार कायम रहती है, तो सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़ सकती है. सेवाप्रदाओं को अधिक कार्य की वजह से मई में अतिरिक्त कर्मचारियों की सेवाएं लेनी पड़ी. हालांकि, रोजगार वृद्धि की रफ्तार मामूली बढ़ी, लेकिन यह चार साल में सबसे अधिक रही.

नोटबंदी के प्रभाव से उबर रहा भारत , 2017 में 7.2 फीसदी रहेगी वृद्धि दर

विश्व बैंक का अनुमान है कि 2017 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहेगी, जो 2016 में 6.8 फीसदी रही थी. विश्व बैंक का कहना है कि भारत नोटबंदी के अस्थायी प्रतिकूल प्रभाव से अब उबर रहा है. विश्व बैंक ने अपने जनवरी के अनुमान की तुलना में भारत की वृद्धि दर के आंंकड़ों को 0.4 फीसदी संशोधित किया है. वहीं, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था बना हुआ है. विश्व बैंक के अधिकारियों के अनुसार, चीन की वृद्धि दर के 2017 के अनुमान को 6.5 फीसदी पर कायम रखा गया है. वहीं, 2018 और 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.

विश्व बैंक ने अपनी ताजा वैश्विक आर्थिक संभावनाआें में 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी और 2019 में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. जनवरी, 2017 के अनुमान की तुलना में 2018 में भारत की वृद्धि दर के अनुमान में 0.3 फीसदी तथा 2019 में 0.1 फीसदी की कमी की गयी है. विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर के अनुमान में कमी मुख्य रुप से निजी निवेश में उम्मीद से कुछ नरम सुधार है.

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