कभी खुद को माननीय बोलकर फंसे थे, LJP से की राजनीतिक शुरुआत आज BJP के विधायक 

Taraiya MLA Janak Singh: बिहार की राजनीति में बयानबाजियां लाजमी हैं. कभी-कभी ऐसे बयान सामने आते हैं जो हमेशा याद रखे जाते हैं. जब-जब उस व्यक्ति की बात होती है तो बयान को दोहराये बिना नहीं होती है. ऐसा ही एक किस्सा है तरैया विधानसभा के विधायक जनक सिंह। आइये बताते हैं जनक सिंह के राजनीतिक सफर की कहानी. 

By Nishant Kumar | August 12, 2025 7:17 AM

Taraiya, Saran BJP MLA Janak Singh: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान तरैया से भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व विधायक जनक सिंह ने मीडिया के सामने खुद को ‘माननीय’ कह दिया था. तब उनके ये शब्द इलाके में चर्चा का विषय बने हुए थे. खुद को ‘माननीय’ कहने पर सारण जिला के कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष कामेश्वर सिंह उर्फ विद्वान ने कहा था कि विधायक जनता का सेवक होता है. अगर वह खुद को माननीय या ऑफिसर के रूप में कहता है, चाहे कोई सरकारी अधिकारी भी अपने को माननीय माने तो उसका जनता का सेवक रहने का क्या अधिकार है ? 

क्या है जनक सिंह का राजनीतिक इतिहास ? 

जनक सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत की थी, ने फरवरी 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में तरैया विधानसभा क्षेत्र से रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर जीत हासिल की थी. उस चुनाव में न तो एनडीए गठबंधन को और न ही राजद गठबंधन को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ, जिसके कारण सत्ता की चाबी LJP के पास आ गई. LJP ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की शर्त रखी, लेकिन इस पर सहमति न बनने के कारण उसने किसी भी गठबंधन को समर्थन नहीं दिया. नतीजतन, बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. उस समय LJP ने 29 सीटें जीती थीं, जबकि जदयू को 55, बीजेपी को 37 और राजद को 75 सीटें मिली थीं.

विवादों से रहा गहरा नाता 

जनक सिंह का राजनीतिक करियर कई विवादों से घिरा रहा है, जिसमें उन पर हत्या, दंगा भड़काने, जमीन कब्जाने और गाली-गलौज जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. 2025 में बिहार विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की, जिसकी वजह से सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने उनकी कड़ी आलोचना की और उन्हें “विधानसभा का गुंडा” करार दिया. इसके अलावा, 2020 में जनक सिंह ने मीडिया के सामने खुद को “माननीय” कहकर एक और विवाद खड़ा किया, जिसके लिए कांग्रेस ने उन्हें जनता का सेवक न मानने की आलोचना की. साथ ही, उन पर जिला कृषि पदाधिकारी के साथ गाली-गलौज और धमकी देने का आरोप भी लगा, हालांकि बाद में उन्हें इस मामले में कोर्ट से राहत मिल गई.

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क्षेत्र में योगदान

जनक सिंह ने तरैया में विकास कार्यों में योगदान दिया है, जिसमें विशेष रूप से पचरौर मांझोपुर से मोलनापुर तक 3.86 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास शामिल है. इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी के सदस्यता अभियान के तहत तरैया में 60,000 नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसमें दलित, महादलित और पिछड़ा वर्ग को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया गया. कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने तरैया और पानापुर के गांवों में राहत सामग्री वितरित कर लोगों की सहायता की.