बाप-बेटे की जोड़ी ने बनाया मढ़ौरा को RJD का गढ़, 1995 से 2025 तक राय परिवार की जीत की कहानी
Marhaura Assembly Constituency: मढ़ौरा विधानसभा (सारण, बिहार) राजद का गढ़ है, जिसे यदुवंशी राय ने 1995 व 2000 में विधायक बनकर मजबूत किया. उनके निधन के बाद बेटे जीतेंद्र कुमार राय ने 2010, 2015, 2020 में जीत दर्ज की और 2022 में मंत्री बने, क्षेत्र में राजनीतिक प्रभाव कायम रखा.
Marhaura Vidhan Sabha: मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र, बिहार के सारण जिले का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है, जहां यदुवंशी राय और उनके बेटे जीतेंद्र कुमार राय ने अपनी राजनीतिक विरासत को मजबूती से स्थापित किया. यदुवंशी राय, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता थे, जिन्होंने 1995 और 2000 में मढ़ौरा से विधायक बनकर क्षेत्र में राजद का मजबूत आधार बनाया, हालांकि 1990 में वे जनता दल के उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय प्रत्याशी से हार गए थे.
बेटे ने आगे बढ़ाई पिता की राजनीति
यदुवंशी राय की राजनीतिक सूझबूझ और प्रभाव ने मढ़ौरा को राजद का गढ़ बनाया, जिसे उनके 2016 में निधन के बाद उनके बेटे जीतेंद्र कुमार राय ने आगे बढ़ाया. जीतेंद्र ने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखा, 2001 में छात्र युवा राजद से शुरुआत की और 2002 में छपरा नगर परिषद के वार्ड आयुक्त और डिप्टी चेयरमैन बने. 2005 में जदयू के टिकट पर मढ़ौरा से हार के बाद उन्होंने 2006 में राजद में वापसी की और 2010, 2015 और 2020 में लगातार विधायक चुने गए, जिसमें 2020 में उन्होंने जदयू के अल्ताफ आलम को 11,385 वोटों से हराया.
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लालू-तेजस्वी के करीबियों में से एक हैं जीतेन्द्र
2022 में नीतीश कुमार की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया गया, जो उनकी राजनीतिक सफलता का प्रमाण है. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले जीतेंद्र, अपने पिता और चाचा रघुवंश प्रसाद यादव (2003-2009 तक एमएलसी) की विरासत को आगे बढ़ाते हुए मढ़ौरा में राजद की मजबूत पकड़ बनाए रखे हैं. यह क्षेत्र, जहां 92.31% ग्रामीण और 7.69% शहरी आबादी के साथ 180 पंचायतें हैं, यदुवंशी और जीतेंद्र की राजनीतिक कहानी से गूंजता है.
