”बिना परमिट के दौड़ सकेंगे इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहन”

नयी दिल्ली : देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ई-वाहन और वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को परमिट जरूरतों से छूट देने का फैसला किया है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वाहन निर्माता कंपनियों से ई-वाहन की दिशा में ध्यान केंद्रित करने का आग्रह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 6, 2018 8:57 PM

नयी दिल्ली : देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ई-वाहन और वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को परमिट जरूरतों से छूट देने का फैसला किया है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वाहन निर्माता कंपनियों से ई-वाहन की दिशा में ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि ओला और उबर जैसी कंपनियों के लिए अपने बेड़े में निश्चित मात्रा में ई-वाहन शामिल करना अनिवार्य बनाकर भी इस तरह के वाहनों की मांग बनायी जा सकती है.

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केंद्रीय मंत्री ने सियाम के वार्षिक सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि हमने इलेक्ट्रिक वाहनों तथा एथनॉल, बायो-डीजल, सीएनजी, मेथनॉल और जैव-ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले सभी वाहनों को परमिट आवश्यकताओं से छूट देने का फैसला किया है. हमने इन वाहनों को परमिट से मुक्त रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राज्यों ने भी ई-वाहनों को छूट देने पर सहमति व्यक्त की है.

गडकरी ने ई-वाहन उत्पादन के अवसर लाभ उठाने के लिए वाहन कंपनियों से आगे आने का आग्रह करते हुए किसी भी तरह के वित्तीय प्रोत्साहन से इनकार किया है. गडकरी ने सब्सिडी पर रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि ई-वाहनों पर 12 फीसदी जीएसटी है. मुझे नहीं लगता कि किसी सब्सिडी की जरूरत है. मेरे मंत्रालय ने अगले पांच साल में बिना वित्तीय प्रोत्साहन के उत्पादन बढ़ाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है.

गडकरी का यह बयान उस समय आया है, जब सरकार पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात सितंबर को इसकी शुरुआत करेंगे. पांच साल के दौरान इस योजना पर 5500 करोड़ रुपये का खर्च किया जायेगा. गडकरी ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने ई-वाहन की भारत में बिक्री के लिए लाने को लेकर स्थानीय परीक्षण की जरूरत को समाप्त कर दिया है.

घरेलू बाजार में फिलहाल यह सीमित संख्या में वाहनों के लिये उपलब्ध होगी और यदि ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, तो ये कंपनियां भारत में वाहन बनाना शुरू कर सकती हैं. उन्होंने कंपनियों से नौ परिवहन में प्रवेश करने का भी सुझाव दिया है. गडकरी ने कहा कि आप विविधता क्यों नहीं लाते. इलाहाबाद से वाराणसी तक हमने पानी के स्तर की गहराई को कम से 1.5 मीटर रखा है. 15 करोड़ लोग कुंभ मेला में जुटेंगे. आप (कंपनियां) आये और 500-600 सीटर नाव चलाये. मैं सिर्फ आठ दिन में आपको सभी मंजूरियां दूंगा.

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