JSSC CGL 2024 Exam में पूछे जा सकते हैं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के नाम, निर्दलीय भी बन चुके हैं सीएम 

Author: Shaurya Punj

9 July 2024

15 नवंबर 2000 को अपनी स्थापना के बाद से झारखंड में अलग-अलग मुख्यमंत्रियों का नेतृत्व देखा गया है. 

नवंबर 2000 में भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला.

भारतीय जनता पार्टी से आने वाले अर्जुन मुंडा 2003 से 2013 तक झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने 5 साल और 304 दिन तक इस पद पर कार्य किया.

शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे. लेकिन वे बहुमत साबित नहीं कर पाए.

इसके बाद बीजेपी से अर्जुन मुंडा दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा करीब अगले डेढ़ साल तक राज्य के मुख्यमंत्री बने रहे. 

18 सितंबर 2006 को निर्दलीय विधायक मधु कोडा झारखंड के पहली बार सीएम बने. उनके कार्यकाल का अभी दो साल भी पूरा नहीं हुआ था, तभी उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 

28 अगस्त 2008 शिबू सोरेन दूसरी बार राज्य के सीएम बने. लेकिन फिर छह महीने से भी कम वक्त में ये सरकार गिर गई. 

19 जनवरी 2009 को झारखंड में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ, जो 29 दिसंबर 2009 तक जारी रहा. 

30 दिसंबर को राज्य की बागडोर शिबू सोरेन ने संभाली. लेकिन 31 मई को शिबू सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दिया और एक जून को 2010 को झारखंड में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. 

10 सितंबर 2010 को झारखंड में राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ. इसके बाद फिर से बीजेपी के अर्जुन मुंडा फिर से राज्य में मुख्यमंत्री बने. 

लेकिन 18 जनवरी 2013 को फिर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. अब 13 जुलाई 2013 को जब राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ तो हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने थे.

इसके बाद यहां विधानसभा चुनाव हुए. झारखंड में बीजेपी सरकार का नेतृत्व रघुवर दास ने किया. वे 28 दिसबंर 2014 से 28 दिसबंर 2019 तक पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे. 

 फिर 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने. 

हेमंत सोरेन को कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित रूप से में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को को झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

28 जून 2024 तो बेल मिलने के बाद हेमंत सोरेन जेल से छूटे और 4 जुलाई को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में फिर से उन्होंने शपथ ली.