एक साल में 2 बार हनुमान जयंती क्यों होती है?

एक साल में 2 बार हनुमान जयंती क्यों होती है?

हनुमान जन्मोत्सव का दिन अपार भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है. यह हर साल दो बार मनाया जाता है.

साल की पहली हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है और दूसरी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है.

वाल्मिकी रामायण के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था, जबकि कार्तिक माह की चतुर्दशी के दिन माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था.

दूसरी धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की एक जयंती उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है तो दूसरी जयंती विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाई जाती है.

हनुमान जयंती के दिन भगवान को लड्डू, पेड़े, हलवा, चना आदि ऐसे ही बहुत सारे भोग प्रसाद अर्पित किए जाते हैं. आज मंगल आरती गाई जाती है.

बजरंगबली को लड्डू, पंचमेवा, जलेबी या इमरती और बूंदी भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं. हनुमान जी को ये चीजें अति प्रिय है.