चीन-जापान टेंशन चरम पर! ड्रैगन संग उड़ान भरते दिखे रूसी बॉम्बर, अमेरिका भी मैदान में कूद पड़ा
China-Japan Tension: चीन-जापान के बढ़ते तनाव के बीच रूस ने चीन के साथ मिलकर लंबी संयुक्त उड़ान भरी. जापान और दक्षिण कोरिया ने फाइटर जेट्स स्क्रैम्बल किए. अमेरिका ने पहली बार चीन की हरकतों की आलोचना की. ताइवान विवाद ने हालात को और गरमा दिया है.
China-Japan Tension: एशिया-प्रशांत में इस समय हालात ऐसे हैं जैसे किसी ने बारूद के ढेर के पास माचिस जला दी हो. चीन और जापान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. ऊपर से रूस भी चीन के साथ मिलकर अपनी मौजूदगी दिखा रहा है. जापान को यह सब साफ तौर पर धमकी जैसा लग रहा है. अमेरिका ने भी पहली बार चीन की हरकतों पर सीधी आलोचना की है. यानी माहौल गरम है और हर कोई अपनी-अपनी तरफ से ताकत दिखाने में जुटा है. जापान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूस और चीन ने जापान सागर से लेकर ईस्ट चाइना सी तक लंबी संयुक्त हवाई उड़ान की. इस उड़ान में रूस के दो TU-95 परमाणु-सक्षम बॉम्बर, चीन के दो H-6 बॉम्बर, और बाद में शामिल हुए चार चीनी J-16 फाइटर जेट थे. ये सभी विमान जापान के ओकिनावा और मियाको द्वीपों के बीच से गुजरे. इस हरकत पर जापान और दक्षिण कोरिया ने तुरंत अपने फाइटर जेट्स उड़ाकर स्थिति पर नजर रखी. रूसी मीडिया ने दावा किया कि पूरी उड़ान लगभग आठ घंटे चली. (China-Japan Tension US Reaction in Hindi)
China-Japan Tension in Hindi: जापान की नाराजगी
जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने एक्स पर लिखा कि रूस और चीन की यह संयुक्त उड़ान बिल्कुल साफ तौर पर जापान के खिलाफ ताकत दिखाने का तरीका है और यह उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चिंता है. दक्षिण कोरिया ने भी बताया कि उनके एयर डिफेंस जोन में सात रूसी और दो चीनी विमान दाखिल हुए. मामला तब और गरमाया जब चीनी सेना ने जापानी सैन्य विमान पर रडार लॉक किया. यह बेहद खतरनाक कार्रवाई मानी जाती है. अमेरिका ने पहली बार इस घटना पर खुलकर चीन की आलोचना की. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ‘द जापान टाइम्स’ को बताया कि चीन की हरकतें क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सही नहीं हैं. अमेरिका-जापान गठबंधन पहले से ज्यादा मजबूत है और हम लगातार संपर्क में हैं.
चीन का जवाब- ‘हमने सुरक्षित तरीके से अभ्यास किया’
चीन ने कहा कि उनके अभ्यास और प्रशिक्षण पूरी तरह सुरक्षित, संयमित और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक थे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जापान के प्रचार में नहीं फंसना चाहिए. जापान के साथी देशों को भी सतर्क रहना चाहिए और उसके बहकावे में नहीं आना चाहिए.
ताइवान वाली टिप्पणी बनी नई चिंगारी
तनाव की एक बड़ी वजह जापान की प्रधानमंत्री साने ताइची का वह बयान भी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो जापान क्या करेगा. चीन इस बात से भड़क गया और ताइची से बयान वापस लेने को कहा. बीजिंग ने टोक्यो पर मिलिट्री धमकी देने और माहौल खराब करने का आरोप लगाया. चीन ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा से बचने तक की सलाह दे दी. रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ताइची को फोन कर विवाद को और न बढ़ाने की सलाह दी थी.
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