Coronavirus को चीनी वायरस कहने पर अब भारत से उलझा चीन, जानिए क्या कहा…

Coronavirus को चीनी Virus कहने पर चीन ने आपत्ति जतायी है. चीन के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात करते हुए अनुरोध किया कि भारत में कोरोना को चीनी वायरस न कहा जाये. साथ ही उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि भारत इस तरह के मानसिकता वालों के खिलाफ होंगे.

By AvinishKumar Mishra | March 25, 2020 8:35 AM

नयी दिल्ली : Coronavirus को चीनी Virus कहने पर चीन ने आपत्ति जतायी है. चीन के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात करते हुए अनुरोध किया कि भारत में कोरोना को चीनी वायरस न कहा जाये. साथ ही उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि भारत इस तरह के मानसिकता वालों के खिलाफ होंगे.

इस दौरान दोनों नेताओं ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए दक्षेस देशों के क्रियान्वयन पर भी बात की.

भारत के बीजिंग दूतावास में तैनात चीनी राजदूत सुन वेईडोंग ने मंगलवार को ट्वीट किया और लिखा, ‘वांग यी ने कहा कि वायरस को चीन का कहना यह अस्वीकार्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाने वाला और चीन को कलंकित करने वाला है, उम्मीद है कि भारत ऐसे संकीर्ण मानसिकता का विरोध करता है. डॉक्टर जयशंकर इस बात पर राजी हुए है कि इसे चीन का वायरस नहीं कहा जाएगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता का एक मजबूत संदेश जाना चाहिए.’

चीन के वुहान शहर से निकला था वायरस– कोरोनावायरस का प्रभाव सबसे पहले चीन के वुहान शहर में देखा गया था, उसके बाद यह वायरस धीरे-धीरे पूरे विश्व को अपनी जद में ले लिया. हालांकि वुहान में अब कोरोनावायरस का प्रकोप खत्म होने लगा है और फिर से शहर अपनी पुरानी रंगत में लौट रहा है.

वायरस को लेकर अमेरिका से भी झगड़ा– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोनावायरस को चीन का वायरस बताने को लेकर चीन अमेरिका से भी भिड़ चुका है. ट्रंप ने अपने ट्वीट में कोरोनावायरस के बढ़ते महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार बताया था, जिसके बाद चीन तिलमिला उठा और ट्रंप को अपनी जिम्मेदारी का पालन करने की नसीहत दे दिया.

भारत को मदद देंगे– चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि जैसे-जैसे यह वैश्विक महामारी फैलती गई, हमने भारत में हालात का भी संज्ञान लिया. चीन और भारत ही दो ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी एक अरब से अधिक है. यह घातक वायरस हम सबके लिए चुनौती है. हम अपने अनुभवों को भारतीय पक्ष के साथ साझा करना चाहेंगे. आगे चलकर हम उन्हें जरूरी सहायता भी मुहैया कराएंगे.

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