वॉशिंगटन : उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया के आकाश में धूल छाने से भारत में मॉनसूनी बारिश की संभावना प्रबल होगी. एक नये अध्ययन में कहा गया है कि हवा में धूल भारत के पश्चिम हिस्से के सूर्य की रोशनी को सोखेगा, हवा को गर्म करेगी और पूर्व की तरफ हवा में नमी को मजबूती प्रदान करेगी. इससे भारत में एक हफ्ते बाद भी मॉनसून की ज्यादा बारिश होगी.
परिणाम बताता है कि धूल जलवायु को प्रभावित कर सकती है. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि हवा में नैसर्गिक धूलकणों से असंभावित तरीके से बारिश प्रभावित हो सकती है. शोधकर्ताओं ने उपग्रह के आंकडों की व्याख्या की और इलाके की कम्प्यूटर मॉडलिंग के माध्यम से भारतीय मॉनसून पर धूल के असर का पता लगाया.