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पाकिस्तान ने खुद के चुनावी मुद्दा होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया

इस्लामाबाद: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर से सीमापार आतंकवाद का मसला उठाने के एक दिन बाद आज पाकिस्तान ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ कि भारत में वह चुनावी मुद्दा है. पाकिस्तानी विदेश विभाग की प्रवक्ता तसनीम असलम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप जानते हैं कि भारत में चुनावी माहौल है […]

इस्लामाबाद: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर से सीमापार आतंकवाद का मसला उठाने के एक दिन बाद आज पाकिस्तान ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ कि भारत में वह चुनावी मुद्दा है.

पाकिस्तानी विदेश विभाग की प्रवक्ता तसनीम असलम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप जानते हैं कि भारत में चुनावी माहौल है और वहां पाकिस्तान दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से चुनावी मुद्दा बन गया है, जबकि पाकिस्तान में भारत चुनावी मुद्दा नहीं होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आरोप के संदर्भ में हम आतंकवाद की निंदा करते हैं. हम भी उस आतंकवाद से पीडित हैं जिसने पिछले 30 वर्षों में इस क्षेत्र में पैठ बना ली है.’’ मोदी ने कल जम्मू में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि रक्षा मंत्री एके एंटनी और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ‘पाकिस्तानी एजेंट और भारत का शत्रु’ है.

पाकिस्तान ने फिर दोहराया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला नहीं है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से कश्मीर मुद्दे के समाधान में तीसरे पक्ष की संलिप्तता की मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर तसनीम ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में यह सबसे पुराने ‘विवादों’ में से एक है.तसनीम ने कहा कि दूसरे क्षेत्रों की तरह दोनों देशों का भी मानना है कि अच्छे पडोसियों के रिश्ते विकसित करने, आर्थिक रिश्ते को मजबूत बनाने, लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढाने के लिए आगे बढना चाहिए ताकि इस क्षेत्र के लोग क्षेत्रीय व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क का फायदा उठा सकें.

पाकिस्तानी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के लोग आर्थिक सहयोग से फायदा पाने के हकदार हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान और भारत संवाद के जरिए अपने विवाद को हल करें.’’ तसनीम के अनुसार हेग में प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा था कि अगर भारतीय पक्ष इस मुद्दे को द्विपक्षीय ढंग से हल करने में अनिच्छुक है तो ‘हमारे साझा मित्र भारत को बातचीत के लिए मनाने में मदद कर सकते हैं. यह भारत का आंतरिक मामला नहीं है.’

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