बिहार में अब पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध, कितने तैयार हैं लोग

पटना : सूबे के शहरी निकायों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर रविवार से जुर्माना लगेगा. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध की अधिसूचना को प्रभावी बनाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 23 दिसंबर से दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2018 2:55 AM
पटना : सूबे के शहरी निकायों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर रविवार से जुर्माना लगेगा. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध की अधिसूचना को प्रभावी बनाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 23 दिसंबर से दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
इसके लिए सभी नगर निकायों में सिटी टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है. टास्क फोर्स द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की नियमित मॉनीटरिंग डीएम की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय समीक्षा एवं मॉनीटरिंग कमेटी करेगी.
नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल ने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर न्यूनतम 100 रुपये से लेकर अधिकतम 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा. पहली बार गलती करने पर जुर्माना कम होगा, जबकि दूसरी व तीसरी बार उपयोग दोहराये जाने पर जुर्माना राशि बढ़ती चली जायेगी.
प्रचार-प्रसार को कई स्तर पर चला अभियान
वन एवं पर्यावरण विभाग की अधिसूचना के बाद प्लास्टिक कैरी बैग के खतरों से आम लोगों को अवगत कराने के लिए कई स्तर पर प्रचार-प्रसार अभियान चलाया गया. मुख्यालय स्तर पर विज्ञापन, होर्डिंग-बैनर आदि देकर आम लोगों को जानकारी दी गयी.
इसके साथ ही जिला स्तर पर स्कूल, कॉलेज, सब्जी मंडी, सरकार व गैर सरकारी प्रतिष्ठान, धर्मस्थल, नदी-घाटों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल आदि जगहों पर पोस्टर, होर्डिंग-बैनर, नुक्कड़ नाटक, रेडियो जिंगल, दीवाल लेखन के माध्यम से जागरूकता फैलायी गयी. निकायों द्वारा वाहन पर लाउडस्पीकर के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है. वार्ड वार शिविर लगा कर व्यापारियों एवं आम लोगों के पास उपलब्ध प्लास्टिक कैरी बैग जमा भी लिये गये.
निकायों में गठित होगा सिटी स्क्वायड/टास्क फोर्स
शहरी निकाय स्तर पर कार्रवाई को लेकर गठित होने वाले सिटी स्क्वायड या टास्क फोर्स में निकायों के अलावा संबंधित जिले के पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे.
विभाग ने हर टास्क फोर्स में जिला प्रशासन के पदाधिकारी, शहरी निकाय के पदाधिकारी (नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी), पुलिस विभाग के पदाधिकारी (निरीक्षक/अवर निरीक्षक), राज्य प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी (क्षेत्रीय अधिकारी/एइइ/वैज्ञानिक), स्थानीय सामुदायिक सामाजिक संगठन या स्वयंसेवी संस्था के सदस्य और शहरी स्वयं सहायता समूह के सदस्य शामिल रहेंगे.
यह टीम शहर के अंतर्गत विभिन्न दुकानों, होटलों, सब्जी मंडी व अन्य वाणिज्यिक परिसरों में औचक निरीक्षण कर प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैगों के इस्तेमाल की जांच कर कार्रवाई करेगी.
जिलास्तरीय कमेटी करेगी ओवर आॅल मॉनीटरिंग
शहरी निकायों के टास्क फोर्स द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की मॉनीटरिंग जिला स्तरीय समीक्षा व मॉनीटरिंग कमेटी करेगी. डीएम की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में जिले के सभी स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी, मेयर व सभापति, पीएचइडी के जिले में वरिष्ठतम प्रभारी पदाधिकारी, राज्य प्रदूषण बोर्ड के मनोनीत पदाधिकारी, डीएम द्वारा मनोनीत शहरी विकास एक्सपर्ट एवं एक वरिष्ठ नागरिक शामिल रहेंगे. यह कमेटी ओवरऑल कार्रवाई की मॉनिटरिंग करेगी तथा इसमें आने वाली किसी भी परेशानी को दूर करने के लिए काम करेगी.
प्लास्टिक बढ़ा रहा बीमारियां
प्लास्टिक के उपयोग के कारण लोगों पर जीवन भर रोगों का संकट मंडराता रहता है. इसके प्रयोग से सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं. नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा शक्ति को खत्म कर रही है. यदि इसे दस तक भी जमीन में दबाये रखा जाये यह तब भी नहीं गलती है.
प्लास्टिक देश में गिरते भू-जल स्तर की एक बड़ी वजह साबित हो रही है. विशेषज्ञों की मानें तो प्लास्टिक के जलाने से निकले वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचाता जो ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण है. इसके ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है.
विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक का कचरा जलाने से कार्बन डाइ आॅक्साइड, कार्बन मोनो आॅक्साइड एवं डाई आक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती है. इनसे सांस, त्वचा आदि की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है. पॉलीथिन सीवर जाम होने का भी सबसे बड़ा कारण है.
किस पर प्रतिबंध
किसी भी आकार व मोटाई के प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण विक्रय, परिवहन एवं उपयोग पर.
कब से प्रतिबंध
23 दिसंबर से सभी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायतों में लागू होगा पूर्ण प्रतिबंध
इन्हें मिलेगी प्रतिबंध से छूट
बायो मेडिकल वेस्ट (50 माइक्रोन से अधिक मोटाई के), पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, दूध व दूध उत्पादों के पैकेट व प्लास्टिक कंटेनर, पौधशालाओं में पौधा उगाने हेतु प्रयुक्त होने वाले प्लास्टिक बैग (50 माइक्रोन से अधिक मोटाई के).
कौन-कौन आयेंगे दायरे में
शहरी निकायों के दुकानदार, विक्रेता, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, व्यापारी, फेरी वाला अथवा सब्जी वाले आदि.
देरी से बदली तिथि
वन एवं पर्यावरण विभाग ने शहरी निकायों में प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए 15 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक गजट अधिसूचना के 60 दिनों की अवधि के बाद सभी शहरी निकाय में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होने के साथ ही दंडात्मक प्रावधान लागू होना था. यह तारीख 14 दिसंबर सुनिश्चित की गयी. लेकिन, गजट अधिसूचना 24 अक्तूबर को जारी होने की वजह से दंडात्मक प्रावधान लागू होने की तिथि बढ़ कर 23 दिसंबर हो गयी.
पांच हजार रुपये तक लगेगा जुर्माना

Next Article

Exit mobile version